अब रोबोट करेगा खेतों की रखवाली, IIT Kanpur और CSA के वैज्ञानिकों ने किया विकसित
कानपुर में रोबोट खेतों की रखावाली करेगा।
कानपुर में आईआईटी और सीएसए के वैज्ञानिकों ने विकसित किया। अब रोबोट खेतों की रखवाली करेगा। सीएसए विश्वविद्यालय के फार्म हाउस में ट्रायल हुआ।
कानपुर, अमृत विचार। अब फसलों में कीट, रोगों, अन्ना जानवरों और अन्य तरह की समस्याओं के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। खेतों की रखवाली अत्याधिक तकनीक से विकसित किया गया रोबोट करेगा, जिसे आईआईटी कानपुर और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इसका पेटेंट करा लिया गया है।
बुधवार को विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय के फार्म हाउस में रोबोट का सफल ट्रायल कराकर देखा है। यह रोबोट कई तरह की खूबियों से लैस है। इसका एडवांस वर्जन पर काम शुरू हो गया है।
सीएसए के पादप रोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके विश्वास ने बताया कि शस्य उपचार नाम से रोबोट आलू, टमाटर की फसल में पौधों की कैनोपी, तापमान, आर्द्रता तथा बीमारी के लक्षणों की पहचान के बाद उसका प्रबंधन पर भी कार्य करेगा। भविष्य में होने वाली बीमारियों की संभावनाओं पर भी आगाह करेगा। इसमें कई तरह के सेंसर और कैमरे लगे हुए हैं, जो कि ऑटोमेटिक तरीके से डेटा भेजते रहेंगे।
आईआईटी के डॉ. महेंद्र कुमार गोहिल, डॉ. अनिरुद्ध भट्टाचार्य, डॉ. बिशाख भट्टाचार्य ने बनाया है। मीडिया प्रभारी डॉ.खलील खान ने बताया कि कुलपति डॉ. डीआर सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने टीम को बधाई दी है। तकनीक को पेटेंट कराया गया है।
ऐसे करेगा काम
प्रो. भट्टाचार्य के मुताबिक रोबोट में सेंसर कैमरा व दवाई का टैंक लगा हुआ है। इसमें चार पहिए लगे हुए हैं, जो कि खेतों में फसलों को बिना नुकसान पहुंचाए कहीं भी जा सकेगा। इसमें स्थापित किए गए सेंसर फसलों में लगे कीड़े, रोग या अन्य समस्या को देख सकेंगे। फसल को कितना नुकसान हुआ है, इसका आकलन कर लेगा। रोबोट के टैंक में कीटनाशकों को भर सकेंगे, जिससे यह फसल के संक्रमित हिस्से पर छिड़काव कर देगा।
फसल की प्यास बताएगा
प्रो.विशाख ने बताया कि रोबोट आर्टिफिशल इंटेलीजेंस पर आधारित है। यह मिट्टी की टेस्टिंग भी कर सकेगा। फसलों के पास जाकर देख लेगा कि उसे कब पानी की आवश्यकता है और कब नहीं। इससे अनावश्यक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएसए की ओर से कई तरह की फसलों के रोग और कीटों का डेटा फीड किया गया है।
