सुल्तानपुर : संस्कार दें तो हमारे घर भी भक्त प्रहलाद जैसी संताने होंगीः शास्त्री

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, बल्दीराय, सुलतानपुर। परमात्मा की प्राप्ति के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती। भगवान की भक्ति मोक्ष का सरल साधन है। ईश्वर की कृपा से भक्तों के सारे क्लेश दूर हो जाते हैं। अगर हम संस्कार दें तो हमारे घर भी भक्त प्रहलाद की संताने पैदा हो सकती हैं। यह बातें सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन धाम से पधारे व्यास राजकुमार शास्त्री ने कही।

उन्होंने भक्त प्रहलाद का चरित्र सुनाते हुए उपस्थित जनमानस को अपनी प्रस्तुति से आह्लादित कर दिया। उन्होंने कहा की संस्कार सबसे बड़ी पूंजी है। इसी संस्कार और अधिक संकल्प के चलते भक्त प्रहलाद ने अपना नाम इतिहास में अमर कर लिया। उन्होंने साबित कर दिया कि सत्य साधना से ही भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। 

कथा का रसपान कराते हुए कहा कि  84 लाख  योनियों में  भटकने के पश्चात मनुष्य रुपी  देह की प्राप्त होती है। इसलिए इस मनुष्य रूपी शरीर के उपयोग के लिए व्यर्थ कामों को न करके जनकल्याण व  ईश्वर भक्त में समर्पित करें। कार्यक्रम में मत कर महाराज द्वारा प्रस्तुत भजन का लोगों ने जमकर आनंद लिया और भावविभोर हो गये। मौके पर योगी ओंकार अग्निवंशी आरपी सिंह ,केपी सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, रामकुमार,शिव वरदान सिंह श्याम बिहारी सिंह ,अरुण ,अमरजीत सिंह ,दिनेश सिंह ,प्रवीण तिवारी, रंजीत सिंह, बबलू सिंह, मीनू सिंह रीना सिंह रिषभ सिह वैभव सिंह आदि रहे।

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