10वीं फेल, माँ की डांट.. बेघर जीवन और 35 साल बाद वो हुआ... जो आप बिल्कुल नहीं सोच रहे
कुंदरकी/मुरादाबाद, अमृत विचार। ब्लॉक क्षेत्र के गांव तेवर खास में 53 वर्ष बाद बुजुर्ग के लौटने की कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। बुजुर्ग को यहां तक पहुंचने में एक यूट्यूबर की अहम भूमिका रही है। शुक्रवार को उन्होंने देखने के लिए ग्रामीणों व आसपास के लोग भी पहुंच रहे हैं।
ब्लॉक क्षेत्र के गांव तेवर खास निवासी जाहिद खान उर्फ महमूद खान पुत्र छिद्दा खां बताते हैं कि 1971 में उनकी उम्र 18 वर्ष रही होगी। वह नगर कुंदरकी के मोहल्ला कायस्थान स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल हाई स्कूल में पढ़ते थे। हाईस्कूल में फेल होने पर परिजन बेहद नाराज हो गए थे।
वही उनकी मां हसरत जहां ने उनको काफी डांट फटकार दिया था। इसी कारण वह घर परिवार छोड़कर चले गए थे। वह बताते हैं कि 53 वर्ष तक कभी बिहार, बंगाल, राजस्थान, लखनऊ, नेपाल जैसे राज्यों में रहे। जबकि बीते 35 वर्षों में वह दिल्ली के कबीर नगर इलाके में रह रहे थे जहां पर उन्होंने अपना एक निजी रिक्शा खरीद लिया था। उसी को चलाकर वह गुजर बसर कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने शादी भी नहीं की और कभी भी अपने घर लौटने की कोशिश भी नहीं की। परिजनों ने बताया कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर मुजाहिद खान यूट्यूबर ने उनके घटनाक्रम की कहानी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी थी। जिसमें वह ब्लॉक कुंदरकी के गांव तेवर खास का नाम लेते हुए अपनी जीवन गाथा बता रहे है।
वह वायरल वीडियो जब परिजनों ने देखा तो वह अचरज में पड़ गए। परिवार वालों के लिए उनकी शिनाख्त करना बेहद मुश्किल था। परिवार में पहचानने वाले केबल इनके दो छोटे भाई और दो बहनें ही थीं, क्योंकि जाहिद खान परिवार में सबसे बड़े हैं।
वायरल वीडियो की हकीकत जानने के लिए सभी परिजन छोटे भाई शाकिर अली, राहत अली, बहने नुरबी, मित्र उस्मान अली दिल्ली पहुंचे। उन्होंने जाहिद खान को ढूंढने का प्रयास किया तो वह रिक्शा चलाते हुए दिखाई दिए। जिसके बाद वह उन्हें अपने घर और उनके पैतृक गांव तेवर खास ले आए। शुक्रवार को 53 साल के बाद जाहिद खान के गांव वापस आने की खबर क्षेत्र में फैल गई। सभी लोग उन्हें देखने के लिए घर पर पहुंच रहे हैं। जाहिद खान अपने परिवार से मिलकर बेहद खुश हैं।
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