शाहजहांपुर: जिला शरद मेला में पहुंचे डीएम, फीता काटकर किया उद्घाटन

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Published By Vikas Babu
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कागज और टाट के बने थैलों व बनारस की साड़ियों सजाई गईं दुकानें

शाहजहांपुर, अमृत विचार। स्वयं सहायता समूह को बाजार उपलब्ध  कराने के उद्देश्य से खिरनीबाग के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय जिला शरद मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने फीता काटकर एवं दीप जलाकर किया। मेले में 25 से अधिक स्वयं सहायता समूह ने प्रतिभाग किया। मेले में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड एवं  स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने-अपने उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए।

मेले में उत्पाद बेचने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और संस्था से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया था। मेले में जिले के अलग-अलग ब्लॉक क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह अपना-अपना उत्पाद लेकर आए थे, वहीं गैर जिले के लोगों को भी मेले में अपना उत्पाद लगाने के लिए आमंत्रित किया गया था, ताकि मेले में अलग-अलग तरह के उत्पादों को देखकर ग्राहक पहुंचेंगे, जिसका लाभ स्वयं सहायता समूह के उत्पादकों को होगा, पर पहले दिन अपेक्षा के अनुरूप मेले में ग्राहक नहीं पहुंचे। मेले में बंडा ब्लॉक क्षेत्र से स्वयं सहायता समूह की सदस्य मशरूम लेकर पहुंचीं थीं, वहीं कागज और टाट के बने हुए थैलों व बनारस की साड़ियों की दुकान भी सजाई गई थी।

आम, लहसुन, मिर्च आदि का अचार व घर में ही एलोबेरा, हल्दी आदि सामान डालकर साबुन तैयार करने वाले उत्पाद भी मेले में रखे गए थे, कपड़ों पर कढ़ाई कर बनाए गए बेहतरीन मेजपोश, तकिया आदि उत्पादों को भी आयोजित मेले में बाजार उपलब्ध कराने के लिए मौका दिया गया।

वहीं महिलाएं गरम मसाला, हल्दी, मिर्च आदि के पैकेट तैयार करने वाली महिलाओं ने भी अपने स्टॉल सजाए हुए थे, पर इन सभी की उम्मीदें मेले में आने वाले ग्राहकों पर टिकी हुईं थीं। पहले दिन मेले में अपेक्षा के अनुरूप ग्राहकों की संख्या कम रही। अपने उत्पाद को लेकर आईं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं व संस्था से जुड़े लोगों का कहना था कि उन्हें यहां मेला स्थल पर निजी खर्चे से आना पड़ा हैं, उनकी उम्मीदें ग्राहकों पर टिकीं हैं।  

बोली महिलाएं, आत्मनिर्भर बनने का मिला मौका
ब्लॉक निगोही के गांव पराझरसा निवासी वर्षा द्विवेदी ने बताया कि वह स्वयं सहायता समूह चलातीं हैं, जिसमें 11 महिलाएं जुड़ी हैं और सभी मिलकर आम, लहसुन, मिर्च आदि का अचार तैयार करतीं हैं, जिनकीं बिक्री कर वह अपने घर का खर्च चलातीं हैं।


ब्लॉक बंडा के गांव मानपुर पिपरिया निवासी रानी देवी ने बताया कि वह स्वयं सहायता समूह चलातीं हैं और इसी समूह के तहत सभी महिलाएं मिलकर मशरूम तैयार करतीं हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती हैं। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है।

पुवायां ब्लॉक के गांव गुधनी निवासी माधुरी देवी ने बताया कि पहली बार उन्होंने स्वयं सहायता समूह के तहत साबुन तैयार  करना शुरू किया है, जिसमें ऐलोबेरो, हल्दी और पेस्ट आदि मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। गांव के लोग व ब्लॉक के लोग साबुन खरीद लेते हैं।

ब्लॉक निगोही के गांव कुदिन्ना निवासी कुमकुम पांडेय ने बताया कि वह स्वयं सहायता समूह चलातीं हैं। थोक में हल्दी, मिर्च आदि सामान खरीद लेतीं हैं और इमामदस्ते में तोड़कर हाथ वाली चक्की से पीस लेते हैं। इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं मिलेगी।

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