अल्मोड़ा: स्कूल पर अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ भेदभाव का लगाया आरोप

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Published By Babita Patwal
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अल्मोड़ा, अमृत विचार। धौलादेवी ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल थली में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के बच्चों से भेदभाव का प्रकरण सामने आया है। जिसमें स्कूल की भोजनमाताओं पर सवर्ण और अनुसूचित जाति के बच्चों को अलग-अलग पंगत में बैठाकर भोजन परोसने की बात कही गई है। ये आरोप मध्याह्न भोजन के दौरान एक युवक ने लगाए हैं। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस मामले में अभिभावकों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पुलिस कर्मियों पर शिकायत करने पर मारपीट का आरोप लगाया है। हालांकि थानाध्यक्ष और बीईओ ने आरोपों का खंडन किया है।

अनुसूचित जाति के कुछ बच्चों के अभिभावक जिला मुख्यालय पहुंचे और एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान को ज्ञापन दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल में उनके बच्चों से भेदभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले गांव का हरीश राम अपने बच्चों की प्रगति पूछने स्कूल गया तो उसने देखा कि मध्याह्न भोजन के दौरान अनुसूचित जाति के बच्चों की अलग पंगत है, जबकि सवर्ण बच्चों को अलग बैठाकर भोजन परोसा जा रहा है। विरोध करने पर एक वर्ग के लोगों के कहने पर दन्या थाने बुलाया गया और वहां उसके साथ अभद्रता की गई। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने मारपीट भी की। ग्रामीणों ने कहा हमारे बच्चों के साथ भेदभाव गलत है। मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।

वायरल वीडियो में युवक के आरोपों पर भोजनमाता का कहना है कि बच्चे खुद ही अलग बैठे हैं। उन्हें जानबूझकर नहीं बैठाया गया है। इस पर युवक कहता है अगर ऐसा है तो इन्हें उसी पंगत में बैठाओ। इस पर भोजनमाता कहतीं हैं कि गांव वालों की जब मीटिंग होगी तब अपनी बात रखना। ये बच्चे खुद ही अलग बैठे हैं हमारा कोई दोष नहीं है।

धौलादेवी के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) पुष्कर लाल टम्टा सोमवार को स्कूल पहुंचे और पूछताछ की। उन्होंने साफ तौर पर कहा स्कूल में इस तरह का कोई मामला नहीं है। अनुसूचित वर्ग के बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। 

थली के ग्रामीणों की तरफ से बच्चों से भेदभाव की शिकायत मिली है। मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी। -गोपाल सिंह चौहान, एसडीएम, सदर

मैं खुद स्कूल गया था। बच्चों के साथ भेदभाव का कोई मामला नहीं है। -पुष्कर लाल टम्टा, बीईओ धौलादेवी

किसी के साथ मारपीट नहीं हुई है। मारपीट के सभी आरोप निराधार हैं। -सुशील कुमार, थानाध्यक्ष, दन्या

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