फिर हारेगा कोरोना! कश्मीर से कन्याकुमारी तक अस्पतालों में Covid-19 से निपटने की तैयारियों पर मैराथन मॉक ड्रिल
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सफदरजंग अस्पताल में कोविड-19 पर आयोजित मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आज देशभर के कई अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ है, मैंने कोविड वार्ड निरीक्षण किया, जैसी व्यवस्था यहां है वैसी ही व्यवस्था बाकी के अस्पताल की है। आने वाले दिनों में कोरोना केस अगर बढ़े तो उसके लिए हम पूरी तरह से तैयार होने चाहिए। वहीं, जम्मू-कश्मीर: जम्मू के गांधीनगर में MCH अस्पताल में कोविड की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित किया गया है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यहां कोविड से निपटने संबंधी तैयारियों का आकलन करने के लिए मॉक ड्रिल किए जाने के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में मौजूद रहे। कुछ देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि के बीच केंद्र ने सोमवार को इस संबंध में परामर्श जारी किया था।
राष्ट्रीय राजधानी में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल जैसे दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों और निजी केंद्रों में आज यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। सिसोदिया के पास स्वास्थ्य विभाग का प्रभार भी है। ब्रितानी काल के इस अस्पताल में 2,000 बिस्तर हैं और वह मार्च 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस का पहला मामला आने के बाद कोविड देखभाल केंद्र बनने वाला पहला अस्पताल था।
दिल्ली में अब तक महामारी के कुल 20,07,143 मामले आ चुके हैं और 26,521 मरीजों की मौत हो चुकी है। नवंबर के मध्य से ही संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 20 से कम और संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में कोविड-19 पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया और प्रबंधन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में आज 10 बजे से सभी अस्पतालों में हम मॉक ड्रिल कर रहे हैं। हम कोविड प्रबंधन की जांच करेंगे।
हैदराबाद (तेलंगाना) में गांधी अस्पताल में कोविड को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। चिकित्सा शिक्षा निदेशक रमेश रेड्डी ने बताया, इस मॉक ड्रिल का मकसद ये जानना है कि हमारे पास जो भी व्यवस्थाएं है वो दुरुस्त है या नहीं। ये मॉक ड्रिल सभी अस्पतालों में किया जा रहा है। असम के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कोविड से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम.ए. सुब्रमण्यम ने कोविड मॉक ड्रिल की समीक्षा करने के लिए चेन्नई के राजीव गांधी सरकारी अस्पताल का दौरा किया।
विदेशों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में मंगलवार को कोरोना महामारी से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए जिला स्तर पर मॉक ड्रिल की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया मॉक ड्रिल देखने के लिए नयी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पूरी तैयारियों का सुचारू संचालन देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिए उपकरण, दवाइयां और मानव संसाधन का तैयार रहना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि महामारी से बचने के लिए कोविड मानकों का पालन और भ्रमित जानकारियों से बचना जरूरी है। कोविड माक ड्रिल का उद्देश्य पिछले अनुभव के आधार पर महामारी से निपटने की तैयारियों को परखना है। यह माक ड्रिल देशभर में जिला स्तर पर की गई। इसमें कोविड से निपटने के लिए आवश्यक विशेष कोविड अस्पतालों, बिस्तरों, दवाईयों, आक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति, वेंटीलेटर तथा एम्बूलेंस का सुचारू हालत में होना सुनिश्चित किया गया।
केंद्र सरकार के कोविड-19 ग्रील मॉक ड्रिल के संबंध में जारी किए गए निर्देशों के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों की भौतिक उपस्थिति में की गई। इसके अंतर्गत चिकित्सा तरल ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति तथा संबंधित उपकरणों को विशेष तौर पर जांच आ गया।
इससे पहले कल देर शाम श्री मांडविया ने ने चिकित्सक समुदाय से कोविड से निपटने में मदद करने का आह्वान करते हुए कहा कि महामारी को लेकर भ्रांतियों और ग़लत जानकारियों को दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों और ग़लत जानकारियों को दूर किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सतर्क रहना, कोविड मानकों का पालन करना और भ्रामक जानकारी से दूर रहना आवश्यक है।
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