वक़्त का सब खेल है......... कुछ उम्मीदे साथ छोड़ जाती है...... आरना रिद्धि
कुछ उम्मीदे साहस भरती हैं ,
कुछ आते ही , साथ छोड़ देती हैं।
ये कौन सा दौर चल रहा है ? मेरे यार
अब तो लोग ही नही, जानवर भी छोड़ देते साथ ।
वक़्त का सब खेल है ,वक़्त का तकाज़ा है
वक़्त से ही रंक है , वक़्त से ही राजा है ।
वक़्त को पहचान कर ,जो साथ इसके है चला ,
है वही इन्सान सच्चा ,जो किया सबका भला
आरना रिद्धि
कक्षा - 6
माउंट कार्मल कालेज
