वीर बाल दिवस : भारत भविष्य में सफलता के शिखर तक कैसे जाएगा...PM Modi ने बता दिया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को 'वीर बाल दिवस' के अवसर पर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश पहला वीर बाल दिवस मना रहा है। हमें साथ मिलकर वीर बाल दिवस के संदेश को देश के कोने-कोने तक लेकर जाना है। वीर बाल दिवस’ हमें बताएगा कि- भारत क्या है, भारत की पहचान क्या है!
हमें साथ मिलकर वीर बाल दिवस के संदेश को देश के कोने-कोने तक लेकर जाना है। pic.twitter.com/PQ7JzHgOFO
— PMO India (@PMOIndia) December 26, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि औरंगजेब के आतंक की खिलाफ भारत को बदलने के उसके मंसूबों के ख़िलाफ़ गुरु गोविंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े थे। लेकिन जोरावर और फतेह सिंह साहब जैसे कम उम्र के बालकों से औरंगजेब की क्या दुश्मनी हो सकती थी? दो निर्दोष बालकों को दीवार में जिंदा चुनवाने जैसी दरिंदगी क्यों की गई? वह इसलिए की गई क्योंकि औरंगजेब और उसके लोग गुरु गोविंद सिंह के बच्चों का धर्म तलवार के दम पर बदलना चाहते थे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इतिहास के नाम पर वह गढ़े हुए नरेटिव बताए और पढ़ाए जाते रहे जिससे हमारे अंदर हीन भावना पैदा हो। लेकिन हमारी परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जीवित रखा। अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक लेकर जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आजाद होना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि यह अतीत हजारों वर्ष पुराना नहीं है। यह सब कुछ इसी देश की मिट्टी पर केवल 3 सदी पहले हुआ। एक ओर धार्मिक कट्टरता और उस कट्टरता में अंधी मुगल सल्तनत और एक ओर ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु, भारत के प्राचीन मानवीय मूल्यों को जीनें वाली परंपरा।
पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर मजहबी उन्माद और दूसरी ओर सब में ईश्वर देखने वाली उदारता। इस सबके बीच एक ओर लाखों की फौज और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर वीर साहिबजादे। यह साहिबजादे किसी से डरे और झुके नहीं। शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है लेकिन इससे आकाश जैसी अनंत प्रेरणा जुड़ी हैं। वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखती। यह याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है।
पीएम मोदी ने कहा कि युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए हमेशा रोल मॉडल्स की जरूरत होती है। युवा पीढ़ी को सीखने और प्रेरणा लेने के लिए महान व्यक्तित्व वाले नायक-नायिकाओं की जरूरत होती है। भारत की भावी पीढ़ी कैसी होगी, ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि वो किससे प्रेरणा ले रही है।
Tributes to the Sahibzades on Veer Baal Diwas. They epitomised courage, valour and sacrifice. https://t.co/PPBvJJnXzS
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का हर स्रोत इसी धरती पर है। सिख गुरु परंपरा एक भारत-श्रेष्ठ भारत के विचार का भी प्रेरणा पुंज है। साहिबजादों के बलिदान में हमारे लिए बड़ा उपदेश छिपा हुआ है। आजादी के अमृतकाल में देश ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का प्राण फूंका है। वीर साहिबजादे किसी धमकी से डरे नहीं, किसी के सामने झुके नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र की पहचान उसके आर्दशों, मूल्यों, सिद्धांतों से होती है। हमने इतिहास में देखा है कि किसी राष्ट्र के मूल्य बदल जाते हैं तो कुछ ही समय में उसका भविष्य भी बदल जाता है। यह मूल्य सुरक्षित तब रहते हैं जब वर्तमान पीढ़ी के सामने अपने अतीत आदर्श स्पष्ट रहते हैं।
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