लखनऊ: हर्सोउल्लास के साथ मनाया गया क्रिसमस डे, लेकिन जमकर उड़ी कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां
अमृत विचार लखनऊ। राजधानी में हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस डे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान सभी चर्च को भव्यता से सजाया गया जहां पहुंचे हजारों लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। लोगों की सुरक्षा व्यवस्था और पार्किंग की व्यवस्था चाकचौबंद देखने को मिली। लेकिन त्योहार के मौके पर वह तमाम चेतावनी फीकी पड़ गई जो कोरोना से बचाव के लिए दो दिन पहले सीएम योगी और पीएम मोदी ने जारी की थी।
हालांकि पीएम मोदी ने आज रविवार को भी मन की बात में कहा था कि कोविड प्रोटोकाल का पालन किया जाये। लेकिन हजरतगंज में मशहूर चर्च कैथेड्रल में हजारों की संख्या में भीड़ देखने को मिली। इस दौरान न तो सोशल डिस्टेसिंग दिखी न ही लोगों के चेहरे पर मास्क देखने को मिला। वहीं सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च जो कि लखनऊ का सबसे बड़ा चर्च है और हजरतगंज वीआईपी एरिया में है। करीब 50 साल पुराने इस चर्च में भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और प्रभु़ यीशू को याद किया।
बता दें कि पिछले दो सालों से कोविड 19 के चलते क्रिसमस का त्योहार फीका रहता था लेकिन इस बार जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। अमृत विचार से बातचीत में फादर डोनल्ड डिसूजा ने कहा कि पिछले दो सालों से कोरोना के चलते ये पर्व काफी फीका रहता था, लेकिन इस बार बड़े हर्सोल्लास के साथ ये पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा हम इस पर्व के चलते पूरे देश में क्रिसमस का सही अर्थ बताना चाहते हैं। उन्होंने कहा हम लोगो से मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं लेकिन इतनी भीड़ में सबको समझा पाना आसान नहीं है।
भारी पड़ सकती है लापरवाही
लखनऊ में क्रिसमस के मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। एक तरफ जब दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण के साए में जी रही है। ऐसे में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में उमड़े लोग कोरोना और इसके नए वेरिएंट BF-7 के संभावित खतरे को समझने को तैयार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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