फर्जीवाड़ा : दलित बनकर हासिल की पुलिस की नौकरी ,बर्खास्तगी के बाद प्राथमिकी दर्ज

फर्जीवाड़ा : दलित बनकर हासिल की पुलिस की नौकरी ,बर्खास्तगी के बाद प्राथमिकी दर्ज

अमृत विचार, रायबरेली। पिछड़ी जाति के एक व्यक्ति ने दलित बनकर पुलिस की नौकरी हासिल कर ली। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर उसे न सिर्फ नौकरी मिल गई अपितु 27 साल तक पुलिस में रहकर वेतन का लाभ भी लेता रहा है। मामले में शिकायत के बाद जांच हुई तब फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। अब सिपाही को बर्खास्त करने के साथ उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है ।

 जनपद के कोतवाली क्षेत्र के गांव नरहरपुर बेती मजरे कल्याणपुर निवासी बृजभान बहादुर ने 1995 में पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। इनका चयन अनुसूचित जाति कोटे से हुआ था ।इस मामले में उनके गांव के एक युवक दिलीप सिंह ने सन 2000 में पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि दलित कोटे से पुलिस में भर्ती हुए बृजभान ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की है। उनकी शिकायत के बाद जब जांच शुरू हुई तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया ।मामले में तीन स्तर पर जांच कराई गई ।जिसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि दलित कोटे से नौकरी हासिल करने वाला वास्तव में पिछड़ी जाति यादव बिरादरी से ताल्लुक रखता है ।इस समय वह लखनऊ के डायल 112 में तैनात था।

 मामले में पहले कारण बताओ नोटिस जारी की गई। उसके बाद नोटिस का जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस नियमावली के तहत कार्यवाही करते हुए इसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। उसके बाद लखनऊ जनपद के महानगर कोतवाली में इसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। एडीसीपी मध्य राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत पर फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र लगाकर पुलिस में भर्ती होने वाले सिपाही के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है ।मामले में विवेचना प्रचलित है।

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