राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता’ करने के लिए आज़ाद से पद्म पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए: जेकेपीसीसी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद से उनका पद्म पुरस्कार वापस ले लिया जाना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व नेता और डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख आजाद ने हाल ही में कहा था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आतंकवादियों के साथ कुछ नेताओं के संबंधों के बारे में सूचित किया था।
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वानी ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में पार्टी के एक सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से कहा, अगर उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग थे, जो आतंकवाद में शामिल थे, उनके विधायक शामिल थे, तो उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? इसका मतलब है कि उन्होंने (आजाद ने) राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया और ऐसा व्यक्ति (पद्म) पुरस्कार के लायक नहीं है। वानी ने कहा कि आजाद से उनका पुरस्कार वापस लिया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्री रहे वानी ने कहा, मैं मांग करता हूं कि भारत के राष्ट्रपति उनसे पुरस्कार वापस लें और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीसीसी अध्यक्ष ने आजाद का नाम लिए बिना कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री ने आतंकवाद में शामिल अपने मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी, तो वह सबसे बड़े गद्दार हैं।
उन्होंने कहा, आपने कार्रवाई क्यों नहीं की? तब आप सबसे बड़े गद्दार हैं। आप गृह मंत्री भी थे और एकीकृत मुख्यालय के अध्यक्ष भी थे। फिर आपको पुरस्कार किसलिए मिला? क्या वह व्यक्ति पुरस्कार का हकदार है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करता है?
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