जैव विविधता संरक्षण के लिए क्षेत्र आधारित लक्ष्य स्वीकार्य नहीं : भारत 

जैव विविधता संरक्षण के लिए क्षेत्र आधारित लक्ष्य स्वीकार्य नहीं : भारत 

नई दिल्ली। कनाडा के मॉन्ट्रियल में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन में भारत ने कहा है कि जैव विविधता संरक्षण के लिए क्षेत्र आधारित लक्ष्य तय करना किसी एक कदम को सभी के लिए उपयुक्त मान लेने की तरह है, जो स्वीकार्य नहीं है।

भारत ने कहा कि कृषि जैसे कमजोर क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता को सब्सिडी नहीं कहा जा सकता और इसे समाप्त करने का लक्ष्य नहीं रखा जा सकता। 

भारत सहित 196 देशों के प्रतिनिधि सात दिसंबर से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र के जैवविविधता शिखर सम्मेलन (सीओपी15) में नयी वैश्विक जैवविविधता रूपरेखा (जीबीएफ) पर वार्ता को अंतिम रूप देने की उम्मीद से एकत्रित हुए हैं।

जीबीएफ उन नए लक्ष्यों को निर्धारित करेगी, जो 2030 तक प्रकृति के संरक्षण के लिए वैश्विक कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे। सीओपी-15 में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना करके और अन्य क्षेत्र आधारित संरक्षण के लिए कदम उठाकर पृथ्वी की 30 प्रतिशत भूमि एवं सागर को संरक्षित करना शामिल है, जिसे 30 गुणा 30 संरक्षण लक्ष्य नाम दिया गया है। 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को सीओपी15 में कहा, हमारा अनुभव कहता है कि क्षेत्र-आधारित लक्ष्य निर्धारित करना ‘किसी एक कदम को सभी के लिए उपयुक्त मानने’ के दृष्टिकरण की तरह है, जो स्वीकार्य नहीं है।

पक्षकार जीवाश्म ईंधन उत्पादन, कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी समेत पर्यावरण के लिए हानिकारक अन्य सब्सिडी को खत्म करने और इस धन का इस्तेमाल जैव विविधता संरक्षण के लिए करने पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

भारत ने कहा कि कमजोर क्षेत्रों के लिए आवश्यक समर्थन को सब्सिडी नहीं कहा जा सकता है और उन्हें उन्मूलन के लिए लक्षित नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हें तर्कसंगत बनाया जा सकता है।

भारत ने सकारात्मक निवेश के माध्यम से जैव विविधता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। यादव ने कहा, अन्य विकासशील देशों की तरह हमारी कृषि करोड़ों लोगों के जीवन, आजीविका और संस्कृति का स्रोत है।

उनकी गतिविधियों के आधुनिकीकरण में मदद करते हुए उनकी खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। यादव शुक्रवार को मॉन्ट्रियल पहुंचे और वह अगले सप्ताह वार्ता के अंतिम चरण में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

ये भी पढ़ें : Features : क्या हैं Stealth Missile Destroyer 'Mormugao' की विशेषताएं जिसे नौसेना में किया जाएगा शामिल?