लखनऊ: एलडीए के सिटी फॉरेस्ट पर लगा 'ग्रहण' अनपयोगी साबित हुई बसंतकुंज के पास चिह्नित 47 एकड़ भूमि
अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण का बसंतकुंंज के पास 'सिटी फॉरेस्ट' बनाने का प्रस्ताव निरस्त हो गया है, जो गोमती नदी व बंधा के बीच 47 एकड़ भूमि में बनाना तय हुआ था। इस योजना के लिए प्राधिकरण ने खुद अपनी भूमि चिह्नित की थी, जो बाद में सिटी फॉरेस्ट के लिए अनपयोगी साबित हुई। इस कारण यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है और फिर लंबित हो गई है। अब जल्द से जल्द शहर के बीचोंबीच सिटी फॉरेस्ट बनाने के लिए प्राधिकरण ने भूमि की तलाश शुरू कर दी है।
शहर के बीचोंबीच बनाना है जंगल सा नजारा
सिटी फॉरेस्ट शहर के बीचोंबीच बनना है। इसके लिए जंगल की तरफ अनपयोगी भूमि ली जानी है, जहां उद्यान व वन विभाग के सहयोग से करीब एक लाख पौधे लगाकर जंगल की तरह विकसित करना है, जो आकर्षण का केंद्र होगा। यहां लोग घूमने आएंगे। फल, छायादार के अलावा फूल वाले पौधे लगाए जाएंगे। चलने के लिए ट्रैक, बैठने के लिए बेंच व खानेपीने के लिए कैंटीन बनाने की योजना है।
शहर को ऑक्सीजन व पर्यावरण को मिलेगा बढ़ाव
सिटी फॉरेस्ट बनने से पर्यावरण और पौधारोपण को बढ़ावा मिलेगा, जहां लाखों की तादाद में पौधे लगाए जाएंगे। हरियाली से शहर को ऑक्सीजन मिलेगी। इसलिए शहर के बीचोंबीच विकसित करना है। यह परिसर इको फ्रेंडली होगा, जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली चीजें प्रतिबंधित रहेंगी। खासकर प्लास्टिक, पॉलिथीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
"शहर में सिटी फॉरेस्ट बनाने की योजना है, जिसके लिए बसंतकुंंज के पास गोमती नदी व बंधा के बीच जगह देखी गई थी, जो पर्याप्त नहीं है। इसलिए अन्य जगह भूमि देखी जा रही है।"
- संजीव कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता, लविप्रा
