गरमपानी: चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए बने कमरों में रहने को विवश चिकित्सक

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Published By Bhupesh Kanaujia
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 गरमपानी, अमृत विचार। अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सीएचसी गरमपानी की आवासीय कॉलोनी बद से बदतर हालत में पहुंचती जा रही है। हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि चिकित्सकों के लिए बने आवास बदहाल पड़े होने से मजबूरी में चिकित्सकों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए बने कमरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।

सुविधा न मिलने से पहाड़ में चिकित्सक कैसे रुकेंगे यह बड़ा सवाल है। स्थानीय लोगों ने चिकित्सकों व स्टाफ के आवास को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। चिकित्सा प्रभारी ने मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र भेजे जाने का दावा किया है।

तमाम गांवों के मध्य में स्थित सीएचसी गरमपानी में आसपास के हजारों लोग निर्भर है पर अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने वाले चिकित्सक सुविधाओं के लिए तरस गए हैं। दिन भर ड्यूटी करने के बाद चिकित्सकों को बदहाल आवासीय कॉलोनी को रुख करना पड़ रहा है। चिकित्सकों के लिए बने आवास बद से बदतर हालत में पहुंच चुके हैं। कई कमरों के खिड़की दरवाजे तक क्षतिग्रस्त हैं। फर्स टूटा पड़ा है। बारिश में पानी से कमरे तलैया में तब्दील हो जाते हैं ऐसे में धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सक चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए बने कमरों में रहने को मजबूर हो चुके हैं।

कई चिकित्सक बाजार क्षेत्र में किराए का कमरा लेकर रह रहे हैं। सरकार पहाड़ में चिकित्सकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के दावे करती है पर सुविधा न मिलने से पहाड़ में चिकित्सक कैसे रुकेंगे यह बड़ा सवाल है। पूर्व ग्राम प्रधान पूरन  लाल साह, गजेंद्र नेगी, मनोज नैनवाल, भैरव नैनवाल, फिरोज अहमद, वीरेंद्र बिष्ट, हरीश नेगी, हरीश चंद्र, महिपाल सिंह, हरीश कुमार, पंकज नेगी, पंकज भट्ट, कुबेर सिंह जीना, कृपाल सिंह, दयाल दरमाल, कुंदन सिंह आदि लोगों ने  चिकित्सकों की आवासीय कॉलोनी को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। वही सीएचसी गरमपानी के चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत के अनुसार आवासी कॉलोनी की मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है।

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