असम के गमोचा को मिला GI टैग , लोगों ने जतायी खुशी
गुवाहाटी। असम की संस्कृति और पहचान के प्रतीक गमोचा को केंद्र सरकार से भौगोलिक संकेतक (जीआई) का टैग मिल गया है। असम ने पांच साल पहले गमोचा के जीआई टैग के लिए आवेदन दिया था।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर मंगलवार को जारी जीआई पंजीकरण प्रमाणपत्र साझा किया जिस पर पूर्वोत्तर राज्य के लोगों ने खुशी जाहिर की।
जीआई टैग मुख्य रूप से किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक वस्तु) को दिया जाता है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, असम के लिए गर्व का दिन है क्योंकि हमारे गमोचा को भारत सरकार से भौगोलिक संकेतक का टैग मिल गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए शर्मा ने इस पहचान के लिए असम के सभी लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अक्सर गमोचा पहने हुए देखा गया है।
गमोचा लाल बॉर्डर और अलग-अलग डिजाइन वाला हाथ से बुना सूती आयताकार कपड़ा होता है जिसे पारंपरिक रूप से असमी लोगों द्वारा सम्मान के तौर पर बुजुर्गों तथा मेहमानों को दिया जाता है।
यह राज्य में सभी सामाजिक-धार्मिक समारोहों का अभिन्न हिस्सा है और इसे असम की पहचान तथा गौरव समझा जाता है। गमोचा का शाब्दिक अर्थ एक तौलिया होता है और असम में इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
खास मौकों पर इसे पारंपरिक असमी पाट सिल्क जैसे महंगे वस्त्र और अलग-अलग रंगों में भी बनाया जाता है। केंद्रीय जहाजरानी, पोत एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि असम का गौरव चमक रहा है।
उन्होंने कहा, हमारी विरासत और सांस्कृतिक पहचान को उचित जगह मिली। गमोचा को जीआई टैग मिला, जो इस खास कपड़े के हजारों बुनकरों के लिए खुशी लाया है, यह असम का वैश्विक प्रतीक बन गया है।
असम के मंत्रियों चंद्र मोहन पटवारी, अजंता नियोग, अतुल बोरा, पीयूष हजारिका और जयंत मल्ल बरुआ के साथ ही कई प्रतिष्ठित शख्सियतों और सैकड़ों सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने गमोचा को जीआई टैग मिलने पर खुशी जतायी है।
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