50वीं राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में नवाचारी मॉडलों का मूल्यांकन शुरू, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक ने देखी प्रदर्शनी 

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Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ। राजधानी में पहली बार आयोजित हो रही 50 वीं राज्य स्तरीय जवाहरलाल नेहरू विज्ञान गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में प्रस्तुत वैज्ञानिक मॉडलों का राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने किया। इस दौरान निदेशक ने बच्चों के कार्यों की प्रशंसा कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। वहीं प्रवक्ता डॉ श्वेता श्रीवास्तव, शिक्षा अधिकारी राम कुमार शिक्षा अधिकारी तथा स्वरूप मंडल, संग्रहालय अभिरक्षक डी, आंचलिक विज्ञान नगरी तथा विज्ञान संचार सुशील द्विवेदी की ओर से विज्ञान संगोष्ठी में प्रदर्शित किए गए मॉडलों का दैनिक जीवन में उपयोग तथा महत्व पर प्रकाश डाला गया।

 इस बारे में जानकारी देते हुए मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि 50वीं राज्य स्तरीय जवाहरलाल नेहरू बाल विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी - 2022 में  दूसरे दिन छात्रों के द्वारा विषय प्रौद्योगिकी एवं खिलौने के अंतर्गत निम्न विषयों सूचना और संचार प्रौद्योगिकी , पर्यावरण अनुकूल सामग्री ,स्वास्थ्य और स्वच्छता ,परिवहन और नवाचार, पर्यावरण संबंधी चिंताएं , वर्तमान नवाचार के साथ ऐतिहासिक विकास व हमारे लिए गणित पर मॉडलों का प्रदर्शन किया गया जिसमें एक से बढ़कर एक मॉडल देखने को मिले।  वहीं  कार्यक्रम का संचालन वंदना तिवारी ने किया। 

21 निर्णायकों ने शुरू किया मूल्यांकन
प्रदर्शनी के दूसरे दिन कुल 21 निर्णायकों  द्वारा उनके निर्धारित विषयों पर शोकेस किए गए मॉडल्स के मूल्यांकन का कार्य शुरू किया गया। आयोजन में संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल सुरेंद्र कुमार तिवारी डीआईओएस राकेश कुमार पांडे , डीआईओएस (द्वितीय) दिनेश सिंह राठौर आर एलबी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के निदेशक मोहिन्दर सिंह व नरेन्द्र सिंह भी उपस्थित रहे।

विशेषज्ञों ने दी अपनी-अपनी राय
विज्ञान प्रदर्शनी को लेकर डॉ श्वेता श्रीवास्तव ने कहा की सतत विकास के लिए नवाचारों की आवश्यकता है और प्रत्येक नवाचार कम लागत के अनुसार होना चाहिए । राम कुमार ने कहा की नवाचार के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है । नवाचार की खोज में पर्यावरण से को नुकसान नहीं पहुंचे इस पर मंथन की जरूरत है । नवाचार के लिए छात्रों में जिज्ञासा होनी चाहिए । स्वरूप मंडल ने बताया कि आप सभी  किचन में खाना बनाते समय कभी कभी अलग तरीके से कुछ विशेष बनाने का प्रयास करते है वो भी नवाचार है । इसी तरह प्रत्येक क्षेत्र में नित्य नवाचार की संभावना बनी रहती है । सुशील कुमार द्विवेदी ने कहा की आपका प्रत्येक विचार एक नवाचार को जन्म देता है । आवश्यकता आविष्कार की जननी है इसलिए जीवन की हर समस्या का आसान हल एक नवाचार को जन्म दे सकता है ।

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