गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: इस बार कांग्रेस के हाथ खाली, मोदी-शाह के गांव में खिला कमल

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: इस बार कांग्रेस के हाथ खाली, मोदी-शाह के गांव में खिला कमल

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री मोदी के गांव वडनगर और गृहमंत्री अमित शाह के गांव मानसा में एक बार फिर बीजेपी जीत गई है। दोनों जगह पिछली बार कांग्रेस जीती थी, लेकिन इस बार वडनगर और मानसा के लिए BJP ने अलग रणनीति बनाई थी। उंझा में BJP कैंडिडेट किरीट पटेल और मानसा में पार्टी के उम्मीदवार जयंती भाई पटेल जीते हैं।

ये भी पढ़ें- 27 साल बाद भी BJP की धाक, गुजरात को फिर मिलेगा भूपेंद्र का साथ, कांग्रेस के खाली रह गए हाथ

उंझा विधानसभा में आने वाले वडनगर में इस बार BJP ने किरीट कुमार केशवलाल पटेल को टिकट दिया था। पटेल RSS प्रमुख मोहन भागवत के करीबी बताए जाते हैं। BJP कार्यकर्ताओं के मुताबिक, किरीट पटेल का नाम तय होने से पहले टिकट को लेकर गुटबाजी हो रही थी, जो नाम सामने आ रहे थे उनमें एक-दूसरे को लेकर मतभेद था। किरीट पटेल का नाम आते ही गुटबाजी थम गई। RSS प्रमुख का करीबी होने से संघ के स्वयंसेवकों ने उनका प्रचार करने में कमी नहीं छोड़ी।

उंझा BJP का गढ़ माना जाता है। यहां 1995 से लगातार पार्टी जीत रही थी, लेकिन 2017 में कांग्रेस की डॉ. आशा पटेल ने BJP के नारायण भाई लल्लूदास को हरा दिया। इसकी दो वजहें सामने आईं थीं। पहली, पाटीदारों का आंदोलन और दूसरी चार बार से BJP विधायक रहे नारायणभाई लल्लूदास पटेल के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी। इसलिए इस बार उंझा में पूरी कमान RSS ने अपने हाथों में ले ली थी। प्रचार प्रसार भी पहले से किया और प्रत्याशी भी अपनी पसंद का उतारा।

उंझा में कांग्रेस के सीनियर लीडर पटेल बाबूलाल नाथालाल के मुताबिक, बीते 50 साल से यहां कांग्रेस के खिलाफ जो पार्टी है, उसी का कैंडिडेट जीत रहा है। पहले जनता दल के प्रत्याशी जीतते थे, फिर BJP जीतने लगी। इसकी एक बड़ी वजह यहां पाटीदारों की आबादी ज्यादा होना है। वे कभी कांग्रेस को वोट नहीं देते। ब्राह्मण, बनिया, मोदी और प्रजापति 20 साल पहले कांग्रेस के वोटर थे, लेकिन अब ये BJP में जा चुके हैं।

अमित शाह के गांव मानसा में पिछली दो बार से कांग्रेस जीत रही थी। इसलिए इस बार यहां चुनाव की पूरी स्ट्रैटजी खुद अमित शाह की देखरेख में तैयार हुई थी। BJP ने मानसा में कैंडिडेट का अनाउसमेंट भी काफी लेट किया गया। कई जगह से फीडबैक लेने के बाद जयंती पटेल को टिकट दिया गया। वहीं, कांग्रेस ने मोहन सिंह ठाकोर (बाबूजी) को मैदान में उतारा था।

मानसा में सबसे ज्यादा पॉपुलेशन पाटीदार कम्युनिटी की है। इनके करीब 45 हजार वोट हैं। ठाकोर करीब 42 हजार, राजपूत 30 हजार और चौधरी करीब 23 हजार हैं। ब्राह्मण और बनिया पॉपुलेशन काफी कम है। BJP की बढ़त से पता चलता है कि पार्टी इस बार पाटीदारों के वोट लेने में कामयाब रही है। यहां हर पार्टी की कोशिश होती है कि पाटीदार और ठाकोर वोट एक तरफ गिर जाएं। ये दो कम्युनिटी किसी भी कैंडिडेट को जिता सकती हैं। 

ये भी पढ़ें- गुजरात में भाजपा का प्रदर्शन विकास और सुशासन के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता की जीत: नड्डा