हरदोई : इलाज के दौरान पुलिसकर्मी की मौत

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, हरदोई बरेली में रावण वध के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवान भीड़ के ऊपर टूट कर गिर रही बल्ली को अपने सिर पर रोक कर कई ज़िंदगी तो बचा ली, लेकिन उसकी ज़िंदगी नहीं बचाई जा सकी। लगभग दो महीने तक लखनऊ में चले लम्बे इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी सांसों ने साथ छोड़ दिया। बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उस जांबाज़ जवान को अंतिम विदाई दी गई।

बताया गया है कि टड़ियावां थाने के सड़िला मसीत निवासी प्रमोद कुमार पाल पुलिस में हेड कांस्टेबिल थे। उनकी बरेली में तैनाती  थी। वहां  5 अक्टूबर को दशहरे मेले में उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। रावण वध और पुतला दहन के बाद मैदान में भगदड़ मच गई।

मैदान में लगी एक बल्ली उखड़ गई और भीड़ पर गिरने लगी। तभी हेड कांस्टेबल ने अपने सिर से बल्ली के रोक लिया था। हालांकि इस घटना में उनके सिर पर काफी गहरी चोटे आई थी। जिसके बाद उन्हें बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत स्थिर रही

। इसके बाद उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। यहां पर भी उन्हें राहत नहीं मिली। करीब दो महीने तक चले लम्बे इलाज के दौरान मंगलवार की रात उनकी मौत हो गई। बुधवार को उसका शव पैतृक गांव सड़िला मसीत लाया गया। जहां पुलिस जवानों की टुकड़ी ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार में पुलिस जवानों के साथ  कई लोग शामिल हुए।

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