बरेली: एक लाख में से लैंडलाइन फोन बचे तीन हजार, पोल यातायात में बाधा बने

स्मार्ट फोन ने खत्म किया लैंड लाइन फोन का दौर, शहर में लगे पोल हटाने के लिए निकाला गया टेंडर

बरेली: एक लाख में से लैंडलाइन फोन बचे तीन हजार, पोल यातायात में बाधा बने

बरेली, अमृत विचार। धीरे-धीरे लैंडलाइन फोन अतीत का हिस्सा बनते जा रहे हैं। दस साल पहले की बात करें तो जब घरों में लैंडलाइन फोन की घंटी बजती थी तो परिवार के सदस्यों में कॉल रिसीव करने की एक अलग ही उत्सुकता नजर आती थी, लेकिन दूरसंचार क्षेत्र में लगातार युद्ध स्तर पर बदलाव हुए।

अब चंद घरों और कार्यालयों में ही लैंडलाइन फोन रखे नजर आते हैं। मोबाइल युग ने लैंड लाइन युग को तकरीबन अंत की ओर लाकर खड़ा कर दिया है। विभागीय आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं। शहरी क्षेत्र में महज तीन हजार कनेक्शन ही लैंड लाइन बचे हैं।

एक समय था जब बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन का कनेक्शन लेने के लिए लोगों को फॉर्म भरने के बाद लंबा इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब उसी लैंडलाइन फोन के दिन लद गए हैं। बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन की संख्या तेजी से साल दर साल गिर रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 10 वर्षों में बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन कनेक्शन की संख्या में 97 हजार से ज्यादा की कमी आई है।

हर साल लैंडलाइन फोन कनेक्शन धारकों की संख्या में गिरावट हो रही है। जानकारों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह स्मार्ट मोबाइल फोन का बाजार में आना और फिर इस पर कब्जा जमा लेना है। 10 साल पहले जिले में 1 लाख से अधिक लैंड लाइन कनेक्शन थे। मगर अब स्मार्ट फोन की चकाचौंध में सिर्फ 3 हजार लैंड लाइन कनेक्शन ही बचे हैं।

10 साल पहले जिले में बीएसएनएल के लैंडलाइन कनेक्शन की संख्या एक हजार से अधिक होने पर जगह- जगह उसके पोल भी लगाए गए थे, मगर वक्त के साथ कनेक्शन बंद होते चले गए। शहर में लगे पोल अब यातायात में बाधा बनने लगे हैं। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि पोल से अगर कहीं दिक्कत होने की शिकायत मिलती है तो उसे हटवा दिया जाता है। इसके अलावा शहर में लगे अन्य पोल को हटाने के लिए विभाग की तरफ से टेंडर निकाला गया है।

बीएसएनएल के पास बचा 150 कर्मचारियों का स्टाफ: ‘कनेक्टिंग इंडिया’ टैगलाइन के साथ देशवासियों को विशाल सूचना तंत्र मुहैया कराने वाला बीएसएनएल (भारत दूर संचार निगम लिमिटेड) अपने ही कर्मचारियों को जोड़ने में असफल हो रहा है। कभी बीएसएनएल के पास जिले में 600 से अधिक लोगों का स्टाफ होता था, मगर अब मौजूदा समय में 150 लोग ही विभाग में काम कर रहे हैं।

लैंड लाइन की संख्या पहले एक लाख से अधिक थी, मगर अब स्मार्ट फोन के चलते सिर्फ 3 हजार ही कनेक्शन बचे हैं। कर्मचारियों की संख्या में भी कमी आई है। - अनिल कुमार, महाप्रबंधक बीएसएनएल

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