हल्द्वानी: 'एक छि गोपुली' और ' द वेस्ट लैंड' के मंचन ने दिल जीता
हल्द्वानी, अमृत विचार। एमबी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रही सात दिनी थिएटर कार्यशाला का समापन लाल बहादुर शास्त्री सभागार में आयोजित एक समारोह में हुआ।
सभागार में छात्रों द्वारा थिएटर कार्यशाला में तैयार किये गए दो नाटकों, ‘एक छि गोपुली’ (कुमाउंनी), ‘द वेस्ट लैंड’ (अंग्रेजी) का मंचन किया गया। पहला नाटक ‘एक छि गोपुलि’ डॉ. प्रभा पंत की कविता पर आधारित है। जबकि दूसरा नाटक अंग्रेज़ी के सुप्रसिद्ध नोबेल पुरस्कृत लेखक टीएस एलियट की आधुनिक कविता ‘द वेस्ट लैंड’ का नाट्य रूपांतरण है।
थिएटर कार्यशाला की निर्देशक ‘द शक्ति ऑनसेम्बल’ की लक्षिका पाण्डे ने हल्द्वानी जैसे कस्बों में रंगमंच की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देकर युवाओं की ऊर्जा को सार्थक दिशा दी जा सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य एन एस बनकोटि ने की।
प्रोफ़ेसर नीलोफ़र अख़्तर ने कार्यक्रम की रूपरेखा दी, साथ ही दोनों नाटकों की पृष्ठभूमि के बारे में बताया। द वेस्ट्लैंड आधुनिक मानव की व्यथा, आंतरिक द्वंद व आधुनिक मानव जीवन की निरर्थकता एवं शून्यता को दर्शाता है। पाश्चात्य संस्कृति जहां भौतिकता ही सफलता का मानक है, के पतन को व्यक्त करती है। वहीं दूसरी ओर निर्वाण व मोक्ष में विश्वास रखने वाली भारतीय दर्शन जो वेदांत की परम्परा के द्योतक हैं की ओर उन्मुख होने की बात रखते हैं।
दोनों नाटकों को दर्शकों की भरपूर सराहना मिली। नाटक के कलाकारों में विकास जोशी, सार्थक, विकास बिष्ट, सुनिधि, प्रियंका, हर्षिता, अंजलि, चयनिका, मयंक, यशवंत, दीपक, कविता, सादिका, शफक, पूजा आदि ने अभिनय किया। कार्यक्रम में डॉ. बीआर पंत, डॉ. सीएस नेगी, डॉ. संजय खत्री, डॉ. महेश, डॉक्टर अनीता जोशी, डॉ. कविता पंत, डॉ. कविता पंत, किरण मिश्रा, दीक्षा, डॉ. अमित सचदेव आदि थे।
