हल्द्वानी: साल में सात महीने बंद रहता है धारचूला का गुंजी थाना

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Published By Bhupesh Kanaujia
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सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी। पुलिस विभाग 24 घंटे जनता की हिफाजत में जुटा रहता है, लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि राज्य में एक ऐसा थाना भी है जो साल में सात महीने बंद रहता है। यहां केवल पांच महीने ही काम होता है। इसके बाद सात माह तक यहां कोई झांकने तक नहीं जाता। ये गुंजी थाना समुद्र तल से साढ़े 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। बेहद विषम परिस्थितियों वाला यह इलाका सर्दियों में इंसान विहीन हो जाता है। 
 

राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तमाम गांव बसे हैं। आम तौर पर हम जानते हैं कि बर्फबारी से पहले इन गांवों के लोग ऐसे स्थानों पर पलायन कर जाते हैं, जहां मौसम बेरहम नहीं होता। ऐसा ही उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी भी है। सीमांत धारचूला के गुंजी में थाना साल के पांच माह संचालित होता है। क्योंकि जब यहां ठंड कहर बरपाती है तो जीवन आसान नहीं रहता है। समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी क्षेत्र अन्य स्थानों की तरह सामान्य गांव हैं, लेकिन यहां का सीजनल थाना इसे न सिर्फ अन्य गांवों से भिन्न बनाता है बल्कि नई पहचान भी दिलाता है। यह कुमाऊं का एकमात्र ऐसा गांव हैं, जहां सीजनल थाना संचालित होता है। ये थाना हर साल जून से अक्तूबर माह के अंत तक ही खुलता है।


कैलाश मानसरोवर यात्रियों की मदद करता है थाना
हल्द्वानी। इस थाने में एक थानाध्यक्ष के नेतृत्व में आठ से दस सदस्यीय पुलिस दल को तैनात किया जाता है। पांच माह तक यह कर्मी गांव में कानून-व्यवस्था के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रियों और आपदा के दौरान लोगों तक मदद पहुंचाते हैं। गुंजी सीजनल थाने में पुलिस-होमगार्ड सहित 11 कर्मी तैनात रहते हैं। 


गुंजी पहुंचने के लिए 40 किमी का पैदल सफर
हल्द्वानी। नारायणआश्रम से गुंजी तक करीब 40 किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है। गुंजी में सर्दियों में तापमान शून्य से 10 डिग्री नीचे पहुंच जाता है। जबकि बारिश में अधिकतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक होता है। गुंजी और आसपास के इलाकों में प्री-मानसून की बारिश होती है। वहां पहुंचने से पहले कई खतरनाक रास्ते और झरनों से होकर गुजरना होता है। 

 

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