अयोध्या : रामपथ चौड़ीकरण के पीड़ितों ने मौन रहकर दिया धरना
स्लोगन लिखी पट्टिका के माध्यम से रखी अपनी मांग, सियासी तंज भी कसा
धरना स्थल पर फफक कर रो पड़ीं एक महिला, सुनाई अपनी व्यथा
अमृत विचार, अयोध्या। रामपथ के चौड़ीकरण को लेकर प्रभावित शहर के व्यापारियों और मकान मालिकों ने शुक्रवार को साहबगंज स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में मौन रहकर धरना दिया। स्लोगन लिखी पट्टिका के माध्यम से अपनी मांग ही नहीं रखी बल्कि सियासी तंज भी कसा और शासन प्रशासन को नसीहत भी दी।
तीन घंटे चले इस धरने में पीड़ितों की मांग रही कि अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए, अधिग्रहण के पूर्व प्रभावितों से सीधा संवाद किया जाए तथा कार्ययोजना सभी के समक्ष रखी जाए और अवशेष भूमि का मालिकाना हक दिलाया जाए।
स्लोगन और पट्टिका के माध्यम से अपनी फरियाद और मांग को सामने रखा तथा हमारी भूल, कमल का फूल स्लोगन के माध्यम से सियासी तंज कसा। वहीं राष्ट्रहित की बात, जनता के साथ व नेताओं की मजबूरी, जनता का साथ जरूरी के माध्यम से सत्ता और सरकार को नसीहत देने की कोशिश की। धरना स्थल पर मौजूद एक महिला से जब सवाल किया गया तो वह फफक कर रो पड़ी।
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि बैनामा, दाखिल खारिज, प्राधिकरण व नगर पालिका से मानचित्र पास कराने तथा गृहकर, जलकर आदि देने के समय हम मालिक हैं लेकिन मुआवजे के लिए नहीं।
विरोध प्रदर्शन में मनोज जायसवाल, राजेश जायसवाल, पाटनदीन गुप्त, बसंत गुप्त, अशोक सिंह, मुकेश गुप्त, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, संदीप श्रीवास्तव, मुकेश जायसवाल, सुभाष गुप्त, दीपक पाठक, अमित शर्मा बंटी, नंदकिशोर नंदन, नफीस, विनय कुमार श्रीवास्तव, आशीष, राम भवन यादव, रामप्रकाश गुप्त, संदीप गुप्त व मंकी पांडेय समेत अन्य मौजूद रहे।
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