Video: हथिनी लक्ष्मी की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, रोते दिखे लोग
पुदुचेरी के मनाकुला विनयागर मंदिर (Manakula Vinayagar Temple) की प्रसिद्ध हथिनी लक्ष्मी की बुधवार (30 नवंबर, 2022) को अचानक गिरने से मौत हो गई।
पुदुचेरी (Puducherry)। आईएफएस अधिकारी प्रवीण कसवां (Parveen Kaswan, IFS) ने पुदुचेरी में एक मंदिर की 32-वर्षीय हथिनी लक्ष्मी की मौत के बाद उसकी अंतिम यात्रा में हजारों लोगों के शामिल होने का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया।
उन्होंने लिखा कि ऐसा भारत के अलावा कहां दिखेगा। वीडियो में कुछ लोग रोते हुए दिख रहे हैं। उप-राज्यपाल टी. सुंदरराजन ने भी लक्ष्मी को श्रद्धांजलि दी।
पुदुचेरी के मनाकुला विनयागर मंदिर (Manakula Vinayagar Temple) की प्रसिद्ध हथिनी लक्ष्मी की बुधवार (30 नवंबर, 2022) को अचानक गिरने से मौत हो गई। लक्ष्मी की मौत से इलाके में लोग बेहद दुखी हैं। सोशल मीडिया पर उसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
वहीं, भारतीय वन सेवा के अधिकारी वंजुलवल्ली श्रीधर और एनिमल वेलफेयर के एस मुरलीधरन ने तोड़-फोड़ का संदेह जताया है और उसकी मौत के लिए मंदिर के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
Rest in peace Lakshmi. 🙏🏼 pic.twitter.com/AoDaqlyDVP
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) December 1, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मी अपने महावत के साथ आज सुबह मॉर्निग वॉक पर निकली थी। इस दौरान वह अचानक बेहोश होकर सड़क पर गिर गई। उसे इलाज के लिए पशु चिकित्सकों के पास ले जाया गया, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण उसने दम तोड़ दिया।
इसके बाद उसे क्रेन से उठाकर मंदिर के सामने रखा गया, ताकि भक्त लक्ष्मी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। वहीं, लक्ष्मी के मौत की खबर सुनते ही पुडुचेरी के लोग उसे देखने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने उसे रोते हुए अंतिम विदाई दी।
बताया जा रहा है कि हथिनी लक्ष्मी साल 1995 में 5 साल की उम्र में मनाकुला विनायगर मंदिर में आई थी। तब से उसे यहाँ भक्तों का बहुत प्यार मिला है। लोग उसे प्रसाद खिलाते थे। उसका आशीर्वाद लेते थे, लेकिन उसके इस तरह से जाने से उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
ये भी पढ़ें : सीतापुर: 500 बंदियों को निरक्षर से साक्षर बनाया, शिव नाडर फाउंडेशन का मिला सहयोग
मंदिर के कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मी की मौत को साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कोरोना महामारी के दौरान भाजपा नेता मेनका गाँधी द्वारा लक्ष्मी को मनाकुला विनयागर मंदिर से जबरदस्ती उठा लिया गया था।
उनके मुताबिक, हम तत्कालीन पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, कॉन्ग्रेस नेता अमेरिकाई नारायणन और इंदु मक्कल काची की मदद से लक्ष्मी को यहाँ वापस लाए। लेकिन, उसके बाद मेनका ने वन विभाग पर दबाव डाला कि वह हाथी को टहलाने तक के लिए न ले जाएं। उसकी वजह से उसके (लक्ष्मी) शरीर में वॉटर रिटेंशन था, जिसके कारण उसे दिल का दौरा पड़ा और आज सुबह उसकी मौत हो गई।
वहीं, दूसरी ओर भारतीय वन सेवा के अधिकारी वंजुलवल्ली श्रीधर और एनिमल वेलफेयर कार्यकर्ता एस मुरलीधरन ने तोड़-फोड़ का संदेह जताया है। मुरलीधरन ने पूछा, किसके निर्देश पर वह हाथी को टहलाने ले गए। इसके बाद उसे शेड में बंद कर दिया और पोस्टमॉर्टम हुआ।
ये भी पढ़ें : Video: मुंबई में कोरियन महिला यूट्यूबर से छेड़छाड़, कैमरे में कैद घटना, आरोपी गिरफ्तार