श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन प्रस्ताव को कैबिनेट में मिली मंजूरी 

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। यूपी में ‘श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद’ के गठन के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दी। उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने यहां लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पौराणिक महत्व के अनुरूप नैमिष धाम संवरेगा और वहां का समन्वित विकास होगा। 

आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ नीत सरकार की इस पहल का ब्यौरा देते हुए मंत्री ने कहा कि सीतापुर व हरदोई जिलों के 36 गांवों को मिलाकर इस परिषद का गठन किया जाएगा। तीर्थ विकास परिषद का मुख्यालय सीतापुर में होगा। जानकारों के अनुसार, 88,000 ऋषियों की पावन तपस्थली नैमिषारण्य की पौराणिक महत्ता है। गठित होने जा रहे तीर्थ विकास परिषद का विस्तार सीतापुर/हरदोई के भीतर स्थित नैमिषारण्य क्षेत्र में होगा। 

एक सरकारी बयान के अनुसार, श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एक निगमित निकाय होगा, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे जबकि मंत्री पर्यटन विभाग, उपाध्यक्ष होंगे। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यपालक उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी। इसके अलावा, सदस्यों की नियुक्ति भी की जाएगी। परिषद का एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा, जो राज्य सरकार के विशेष सचिव की श्रेणी या वरिष्ठ अधिकारियों में से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। नैमिषारण्य क्षेत्र के विरासत के संरक्षण का ज्ञान और अनुभव रखने वाले पांच प्रख्यात व्यक्ति राज्य सरकार के परामर्श से अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाएंगे। 

परिषद के गठन संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद एक नियोजन तथा विकास समिति का गठन भी होगा। नियोजन तथा विकास समिति के अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट, सीतापुर होंगे जबकि मुख्य कार्यपालक अधिकारी, सदस्य सचिव होंगे। इसी तरह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीतापुर, मुख्य विकास अधिकारी, हरदोई, अपर पुलिस अधीक्षक, हरदोई और कार्यपालक अधिकारी, नैमिषारण्य नगर पालिका इसमें शामिल होंगे।

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