मानसिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आध्यात्मिक उन्नति जरूरी: कलराज मिश्र
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पर्यावरण प्रदूषण की तरह ही मानसिक प्रदूषण भी मानवता के लिए चिंता का विषय बताते हुए कहा है कि मानसिक प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों से मुक्ति के लिए स्वस्थ जीवनशैली, आध्यात्मिक उन्नति जरूरी है। मिश्र आज यहां मुरलीपुरा में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नवनिर्मित पीस पैलेस के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन का सर्वांगीण विकास को लक्ष्य बनाकर ही देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है।
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उन्होंने कहा कि इसमे भारतीय संस्कृति के उन आदर्श मूल्यों का प्रसार भी शामिल है जिनसे व्यक्ति का आध्यात्मिक आधार पर विकास होता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था भी शांति, पवित्रता, प्रेम और खुशी का संदेश देकर मानवता के सुखद भविष्य के लिए कार्य कर रही है। राज्यपाल ने कहा कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' से ओत प्रोत भारतीय संस्कृति व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को संपन्न करने से जुड़ी है। भारतीय संस्कृति में वैश्विक शांति के साथ पृथ्वी, अंतरिक्ष एवं ब्रह्मांड के प्रत्येक अवयव में शांति और समन्वय की कामना की गई है।
उन्होंने इसके लिए ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा करवाए जाने वाले राजयोग मेडिटेशन की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्था द्वारा स्थापित किया गया पीस पैलेस शांति की स्थापना के लिए परमार्थ और सबके कल्याण के भाव से कार्य करेगा। उन्होंने भारतीय संस्कृति से जुड़े उदात्त जीवन मूल्य, प्रार्थनाओं और चरित्र निर्माण से जुड़े आख्यानों को भी यहां श्रव्य—दृश्य रूप में प्रस्तुत किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने आरम्भ में उपस्थितजन को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया।
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