बरेली: थैलेसीमिया बीमारी है गंभीर, छह माह में खून चढ़ाना अनिवार्य
इस बीमारी से दिल और लिवर में आयरन की ओवर डोज हो जाती है ।
बरेली, अमृत विचार। आईएमए में गुरुवार को थैलेसीमिया विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्ष डा. विनोद पागरानी ने बताया कि मुख्य वक्ता फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम से आए डा. राहुल भार्गव और डा. पल्लवी मेहता रहे।
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डा. राहुल भार्गव ने बताया कि थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में खून नहीं बनता है। ऐसे मरीजों को हर 6 महीने में खून चढ़ाना अनिवार्य होता है लेकिन इससे दिल और लिवर में आयरन की ओवर डोज हो जाती है। इसके कारण बच्चों की 25 से 30 साल की उम्र तक में मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए यह जरूरी है कि यह अभियान चलाया जाए कि शादी से पहले युवक और युवती की थैलेसीमिया की जांच जरूर हो।
डा. पल्लवी मेहता ने बताया कि कोल इंडिया के माध्यम से बच्चों का बोन मेरो ट्रांसप्लांट होता है और इसके लिए 10 लाख रुपये सरकार दे रही है। इस मौके पर इस गोष्ठी में अध्यक्ष डा. विनोद पागरानी, सचिव डा. गौरव गर्ग, डा. सचिन अग्रवाल, डा. अमित अग्रवाल, डा. सुदीप सरन, डा. अनूप आर्य, डा. मुरली मनोहर, डा. अंशु अग्रवाल, डा. राजीव गोयल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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