ONGC Oil: गैस उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटेगी, नई खोजों में अरबों डॉलर का करेगी निवेश

ONGC Oil: गैस उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटेगी, नई खोजों में अरबों डॉलर का करेगी निवेश

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) इस साल उत्पादन में गिरावट के पिछले कई वर्षों से जारी सिलसिले को पलटेगी। कंपनी का इरादा धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने का है। कंपनी नई खोजों से उत्पादन के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगी।

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कंपनी के प्रबंधन ने निवेशकों को यह जानकारी दी। ओएनजीसी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.17 करोड़ टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। इसे पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। इसके अलावा कंपनी ने 21.68 अरब घनमीटर (बीसीएम) प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जाता है। इसका उपयोग बिजली, उर्वरक के उत्पादन में किया जाता है। साथ ही इसका इस्तेमाल वाहनों में सीएनजी के रूप में किया जाता है।

चालू वित्त वर्ष (2022-23) में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़कर 2.28 करोड़ टन और गैस का उत्पादन 22.09 अरब घनमीटर होने का अनुमान है। कंपनी प्रबंधन ने पिछले सप्ताह दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद निवेशकों के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। अगले वित्त वर्ष में तेल का उत्पादन 2.46 करोड़ टन और 2024-25 में 2.56 करोड़ टन तक बढ़ने का अनुमान है।

प्राकृतिक गैस का उत्पादन 2023-24 में 25.68 बीसीएम और 2024-25 में 27.52 अरब घनमीटर तक बढ़ने की उम्मीद है। ओएनजीसी की निदेशक (वित्त) पोमिला जसपाल ने कहा, ‘‘हमने गिरावट के रुख को पलटा है।’’ ओएनजीसी का देश के घरेलू उत्पादन में करीब 71 प्रतिशत योगदान है। ओएनजीसी के उत्पादन क्षेत्र काफी पुराने हैं।

इस वजह से पिछले एक दशक से अधिक से कंपनी का उत्पादन धीरे-धीरे घट रहा है। सरकार उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत ओएनजीसी के बड़े तेल और गैस क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को देने पर विचार कर रही थी, लेकिन इसपर उसे आंतरिक रूप से विरोध का सामना करना पड़ा है। ओएनजीसी अब 20 प्रमुख परियोजनाओं में 59,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

इसमें गहरे समुद्रा वाले केजी ब्लॉक केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 (केजी-डी5) में पाए गए तेल और गैस के भंडार को उत्पादन में लाना और मुंबई हाई फील्ड के चौथे चरण का पुनर्विकास शामिल है। केजी-डी5 में निवेश से कंपनी अतिरिक्त उत्पादन हासिल कर पाएगी। वहीं मुंबई हाई और अन्य क्षेत्रों के पुनर्विकास से पुराने क्षेत्रों में आ रही उत्पादन की गिरावट को रोका जा सकेगा। 

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