PM Modi ने कहा- केंद्र अरुणाचल के आधारभूत ढांचे के विकास पर 50 हजार करोड़ रुपये करेगा खर्च
ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जो अरुणाचल प्रदेश में पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर होलोंगी स्थित यह हवाई अड्डा इस सीमावर्ती राज्य को वाणिज्यिक उड़ानों के जरिये देश के अन्य शहरों के साथ तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों को हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से जोड़ेगा।
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हवाई अड्डे की आधारशिला मोदी ने फरवरी 2019 को रखी थी। मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत विकास के लिए निकट भविष्य में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों से उचित संपर्क कायम करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश के 85 प्रतिशत गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए हवाई अड्डे के विकास से कार्गो सेवा के क्षेत्र में बड़ा अवसर पैदा होगा। उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप, राज्य के किसान अब अपनी उपज बड़े बाजारों में बेच सकते हैं।
हवाई अड्डे पर एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि राज्य के किसान पीएम किसान निधि का लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम विकास को राज्य के हर घर और गांव तक पहुंचाने के लिये मिशन मोड में काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने ‘वाइब्रैंट बॉर्डर विलेज प्रोग्राम’ के तहत सभी सीमावर्ती गांवों के विकास के लिये सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा और पलायन को भी कम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 600 मेगावाट की कामेंग जलविद्युत परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। कामेंग जलविद्युत परियोजना को 80 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में 8,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
इससे अरुणाचल प्रदेश के बिजली अधिशेष वाला राज्य बनने और स्थिरता एवं एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ होने की उम्मीद है। मोदी ने कहा, ‘‘संपर्क और ऊर्जा बुनियादी ढांचा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विकास की एक नयी सुबह लाएगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए 365 दिन, सातों दिन और 24 घंटे काम करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन परियोजनाओं का उद्घाटन करता हूं, जिनकी आधारशिला मेरे द्वारा रखी गई है। बेपरवाह रवैये के दिन गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक टिप्पणी करने वालों ने (2019 में) दावा किया था कि हवाई अड्डे की आधारशिला रखना एक चुनावी हथकंडा है।
हालांकि, आज जब कोई चुनाव नहीं होना है, तो हम इस हवाई अड्डे की शुरुआत कर रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर की उपेक्षा की जाती रही है, जबकि विकास के मामले में आज इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सीमावर्ती इलाकों की बस्तियों को ‘आखिरी गांव’ माना जाता था, लेकिन अब उन्हें ‘पहला गांव’ माना जाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है, चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार, दूरसंचार या कपड़ा। मोदी ने कहा, ‘‘नीति निर्माता पहले केवल चुनाव जीतना चाहते थे, जबकि हम केवल राष्ट्र के विकास के लिए काम करते हैं।’’
अधिकारियों का अनुमान है कि यह क्षेत्र के करीब 20 लाख लोगों की जरूरतों को पूरा करेगा और संपर्क, व्यापार तथा पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेगा। मोदी ने कहा, ‘‘मैं सारा दिन काम करता हूं, ताकि देश आगे बढ़े। हम चुनाव में फायदा उठाने के लिए काम नहीं करते। आज सुबह मैं अरुणाचल प्रदेश में हूं और शाम को देश के दूसरे कोने में स्थित गुजरात में रहूंगा। बीच में, मैं वाराणसी में भी रहूंगा।’’
उन्होंने केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ पर एक कॉफी-टेबल बुक का विमोचन भी किया। इस मौके पर राज्य के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ बी डी मिश्रा, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित थे। खांडू ने अपने संबोधन में कहा कि हवाई अड्डे का नामकरण अरुणाचल प्रदेश के लोगों की सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।
अधिकारियों ने कहा कि डोनी पोलो हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा 645 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया गया है तथा इसमें आठ चेक-इन काउंटर होंगे जो व्यस्त समय के दौरान 200 यात्री समायोजित कर सकते हैं। देश के सबसे पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाई अड्डा नहीं था।
निकटतम हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में लीलाबाड़ी हवाई अड्डा है। हालांकि, राज्य में पासीघाट और तेजू सहित कुछ उन्नत लैंडिंग ग्राउंड हैं। खांडू ने कहा कि 2014 के बाद कई उन्नत लैंडिंग ग्राउंड बने।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत की बहुत संभावनाएं हैं और ऐसी कई परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र ने 2,500 किलोमीटर की सड़क के निर्माण के लिए 40,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
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