Kanpur Central Station से बाल श्रम को ले जा रहे 15 किशोरों को छुड़ाया, RPF और GRP की टीम को मिली सफलता
कानपुर सेंट्रल स्टेशन में आरपीएफ और जीआरपी पुलिस की संयुक्त टीम ने सीमांचल और महानंदा एक्सप्रेस में छापेमारी कर बाल श्रम को ले जा रहे 15 किशोरों को छुड़ाया है। सभी किशोर बिहार और एक बंगाल का रहने वाला है।
कानपुर, अमृत विचार। Kanpur Central Station पर सीमांचल और महानंदा एक्सप्रेस में शनिवार को आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने छापेमारी करके बाल श्रम के लिए ले जा रहे 15 किशोरों को आरोपियों के चंगुल से मुक्त कराया है। इसमें सभी किशोर बिहार प्रांत के अलग-अलग जिलों के रहने वाले बताए जा रहे है। आरपीएफ पुलिस का कहना है कि किशोरों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके आने पर बच्चों को सौंप दिया जाएगा।
आरपीएफ सेंट्रल स्टेशन थाना प्रभारी बुधपाल सिंह ने बताया कि शुक्रवार देर रात दो ट्रेनों से बच्चों के सेंट्रल स्टेशन पर आने की सूचना मिली थी। सूचना पर ही पुलिस टीम को लगा दिया गया था।
इसी दौरान सीमांचल व महानंदा एक्सप्रेस के आते ही टीमों ने घेर कर कोचों में छानबीन की। छानबीन में किशोरों के मिलने पर उन्हें उतार लिया गया। बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया व बंगाल के उत्तरी दिनाज के किशोर रहने वाले है। किशोरों के साथ आरोपित मौका पाकर भाग निकले है। वहीं, किशोर डर के कारण कुछ भी नहीं बोल रहे है।
आरपीएफ और जीआरपी पुलिस के मुताबिक बच्चों को बाल श्रम के लिए कानपुर, दिल्ली और मुंबई भेजने की तैयारी थी। जीआरपी थाना प्रभारी आरके द्विवेदी का कहना है कि किशोरों को बाल गृह भेज दिया गया है। साथ ही पूरे मामले की गहनता से पड़ताल की जा रही है।
