लखनऊ: कथक संध्या में छात्र-छात्राओं को मिली डिग्री
अमृत विचार, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को राष्ट्रीय कथक संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश ने कथक संध्या का आयोजन किया। इस कथक संध्या का शुभारम्भ राष्ट्रीय कथक संस्थान की सचिव सरिता श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय कला संकाय के डीन-कम-प्रधानाचार्य डॉ. रतन कुमार, पं० धर्मनाथ मिश्रा और बेगम अख्तर सम्मान से सम्मानित विदुषी आभा सक्सेना ने दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इसके बाद कार्यक्रम में कोलकाता से आईं प्रसिद्ध नृत्यांगना सुलगना बनर्जी ने कथक की बेमिसाल प्रस्तुति दी। बता दें कि नृत्यांगना सुलगना बनर्जी प्रसिद्ध कथक गुरु पद्मश्री पंडित बिरजू महाराज की शिष्या रह चुकी हैं।
कथक संध्या के दौरान नृत्यांगना सुलगना बनर्जी ने परम्परागत कथक के अर्न्तगत तीनताल विलंबित लय में थाट, उपज, आमद, उठान, मध्यलय में तिहाईया, परन एवं द्रुतलय में गत, तोडा, चक्करदार परन आदि की प्रस्तुति दी। इसके अलावा नृत्यांगना सुलगना बनर्जी ने खण्डिता नायिका पर आधारित ठुमरी काहे को मोरे घर आये हो पर भाव अभिनय नृत्य भी किया।
वहीं इस अवसर पर राष्ट्रीय कथक संस्थान में बी०पी०ए० एवं एम०पी०ए० पास कर चुके छात्र-छात्राओं को डिग्री भी प्रदान की गई। कथक,गायन और तबले में डिग्री हासिल करने के बाद छात्र-छात्राएं बेहद खुश नजर आए।
उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं
- कथक :- देवांशी, प्रीती, विकास, प्रखर, नीलम
- गायन :- अतुल, संजोली, शाइस्ता अभिषेक, अनुराग, ईश्वर, काजल, योगेश, आर्या, प्रिया
- तबला :- शशिकांत
