संभल: दो बेटों की मौत के बाद आठ परिजन डेंगू संक्रमित मिले
बिलालपत गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 50 लोगों के लिए सैंपल, मरीज को दवा देनी भूल गई टीम, सीएचसी प्रभारी बोले- होगी कार्रवाई, जिला मलेरिया विभाग की टीम ने गांव में कराई फागिंग
संभल, अमृत विचार। असमोली क्षेत्र के बिलालपत गांव में तीन दिन में दो भाइयों की डेंगू से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मंगलवार को आनन-फानन स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतकों के परिजनों के घर पहुंची। टीम ने परिवार के 50 लोगों की जांच के लिए सैंपल लिए गए, जिसमें माता-पिता समेत आठ लोग और डेंगू पॉजिटिव पाए गए। लेकिन टीम ने मरीजों को दवा नहीं दी। सीएचसी प्रभारी ने शिविर लगाने वाली टीम में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
असमोली के विकास खंड क्षेत्र के अधिकतर गांवों में डेंगू तेजी से फैल रहा हैं। डेंगू से अब तक असमोली के गांव टांडा कोठी निवासी हरि सिंह लाला 75 वर्ष 31 अक्टूबर और एक नवंबर की रात मौत हुई थी। हरसिंहपुर गांव निवासी शाहनवाज की पत्नी इफरत जहां 26 वर्ष की 7 नवंबर की रात को मौत हुई थी। वहीं गांव बाबू खेड़ा निवासी रामवीर पुत्र घनश्याम की डेंगू के उपचार की मौत हुई थी। गांव बिलालपत निवासी रासिद के 10 वर्षीय बेटे साहिल ने 12 नवंबर की रात मुरादाबाद के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। दो दिन बाद राशिद के पांच वर्षीय छोटे आहिल की मौत भी डेंगू के उपचार के दौरान मुरादाबाद के निजी अस्पताल में मौत हुई थी।
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मंगलवार सुबह ही स्वास्थ्य विभाग की टीम बिलालपत गांव पहुंची और डेंगू से जान गंवाने वाले एक ही परिवार दो बच्चों के परिजनों से मिली और गांव में चिकित्सा कैंप लगाया। जिसमें सबसे पहले मृतकों के परिजनों के जांच के लिए खून के नमूने लिए। जांच में आठ लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए। सीएमओ डॉ. अर्चना भी गांव पहुंचीं। टीम में शामिल असमोली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. पारुल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम बिलालपत गई थी। मरने वालों की डेंगू की रिपोर्ट भी देखी और बाकी परिवार वालों के नमूने लेकर जांच की गई।
50 लोगों के नमूने लिए गए थे। जिसमें मृतक बच्चों के माता पिता समेत आठ लोग डेंगू पीड़ित पाए गए हैं। जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा देकर इलाज किया जा रहा है। हालांकि किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं किया है। टीम में चिकित्सक नीलोफर, डॉ. सुरेश, एसटी पुनीत, जिला मलेरिया विभाग की टीम ने पहुंचकर गांव में फागिंग भी कराई। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों को दवा देनी ही भूल गई। चिकित्सक पारुल का कहना कि गांव में टीम को दोबारा भेज कर दवा वितरण करा गई।
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