चित्रकूट: खाद वितरण में अनियमितता का डीएम ने लिया संज्ञान, सचिव सहित दो निलंबित
चित्रकूट। और दोनों समितियों में खाद वितरण का मुआयना किया। व्यवस्थाओं से असंतुष्ट जिलाधिकारी ने सचिव और खाद विक्रेता को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। डीएम ने शुक्रवार को कृषक सेवा सहकारी समिति दक्षिणी व उत्तरी का औचक निरीक्षण किया।
स्टॉक रजिस्टर देखे और हस्ताक्षर, अंगूठे का निशान नहीं लगा देख नाराजगी जताई। पूछा कि किस प्रकार से डीएपी देते हैं। उन्होंने एआर कोऑपरेटिव से साफ तौर पर कहा कि यहां फर्जीवाड़ा है। डीएम ने कहा कि जब तक किसान खतौनी न दे तब तक उर्वरक न दिया जाए। उन्होंने इस बात पर भी रोष जताया कि बटाई वाले को दोबारा खाद दी जाती है। उन्होंने इन अनियमितताओं को लेकर एआर कोआपरेटिव नरेंद्र सिंह को निर्देश दिए कि सचिव फूलचंद व विक्रेता मैयादीन विक्रेता को निलंबित करें।
उन्होंने एआर कोआपरेटिव से पूछा कि किसी को 10 बोरी तो किसी को पांच बोरी खाद दी जाती है, इसका क्या क्राइटेरिया है। उन्होंने कहा कि सत्यापन में गलत मिलता है तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी केंद्रों पर सख्त निर्देश दें कि खतौनी देखें मोबाइल नंबर लिखें और उसके पश्चात ही उर्वरक दें।
उन्होंने समितियों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने गोदामों में डीएपी की स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि हर समिति पर डीएपी का मानक लिखवाएं। उन्होंने उप जिलाधिकारी राजबहादुर को निर्देशित किया कि लेखपालों से इसका सत्यापन कराएं। बाद में वह कृषक सेवा सहकारी उत्तरी समिति में गए और धान क्रय केंद्र पर भी सूचनाएं दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कर्वी राजबहादुर, कॉपरेटिव अध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी, सचिव फूलचंद्र, विक्रेता मैयादीन उपस्थित थे।
रजिस्टर में इंट्री न होने पर हुए नाराज
जिलाधिकारी ने पूछा कि रजिस्टर में इंट्री क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि जब नौ तारीख को उर्वरक आती है तो 11 नवंबर तारीख हो गई, इंट्री क्यों नहीं हुई। उन्होंने स्टाफ की जानकारी ली। उन्होंने चालान भी देखे। उन्होंने कहा कि अक्टूबर का भी एंट्री नहीं किया गया है न बिक्री मोबाइल नंबर चढ़ा है। क्या बिना मोबाइल नंबर लिए उर्वरक का वितरण करते हैं।

अमृत विचार ने प्रमुखता से प्रकाशित की खबर
जिले में खाद वितरण को लेकर आएदिन शिकायतें आ रही हैं। जिलाधिकारी के लगभग हर बैठक में किसानों को कोई दिक्कत न हो, इसके निर्देश जारी करने का भी असर नहीं नजर आ रहा। पहाड़ी की समितियों में खाद वितरण में अनियमितता को लेकर अमृत विचार ने अपने 11 नवंबर के अंक में शीर्षक, चहेतों को बांटी जा रही खाद, किसान हताश से प्रकाशित की। जिलाधिकारी ने खबर का त्वरित संज्ञान लिया और कार्रवाई की। इस पर डीएम को किसानों ने साधुवाद दिया। साथ ही अमृत विचार को जनसरोकारी पत्रकारिता के लिए सराहा।
