बरेली: ठंड से राहत दिलाने आई मलाई, चीनी, गुड़ और तिल की गजक, चॉकलेट रोल की ज्यादा डिमांड
बरेली /विकास यादव, अमृत विचार। ठंड के मौसम में बाजारों में गर्म खाद्य व पेय पदार्थों के साथ गजक की मांग बढ़ जाती है। आम बोलचाल की भाषा में गजक को सर्दी का तोड़ माना जाता है। करारी गजक जाड़े में खाने से शरीर मे गर्माहट बनी रहती है। ठंड ने दस्तक दे दी है। जिसके चलते बाजारों में गजक की दुकानों में खासी ग्राहकी दिखाई दे रही है। तिल-गुड़ से बनी गजक लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। बरेली की गजक की आसपास के जिलों में खासा डिमांड रहती है ।
बरेली के कुतुबखाना मंडी में मिलने वाली रेवड़ी गजक का स्वाद और कही नहीं मिलेगा। बादाम, गुड़, चीनी से कई तरह की गजक बनाने वाले गजक विक्रेत राजा राम ने बताया कि यहां पर एक दो नहीं बल्कि कई तरह की गजक तैयार की जाती हैं।
उन्होंने कुछ गजक के नाम बताते हुए बताया कि मलाई गजक, चॉकलेट गजक रोल, चीनी की गजक, गुड़ की गजक, तिल की गजक सहित कई तरह की गजक यहां विशेष रूप से बनाई जाती है। इतना ही नहीं उनका तो यहां तक का कहना है कि भले ही सब लोग मशीनों पर निर्भर हो चुके हों, लेकिन यहां पर आज भी पुश्तैनी रूप से ही हाथ से ही कार्य किया जाता है। गजक रेवड़ी के दाम की बात की जाए तो 200 रुपए से लेकर 700 रुपए तक गजक बिक रही है।
इस बार चॉकलेट रोल है खास
बैसे तो मावा से बनने वाले गट्टे और तिल के लड्डू लोगों को खासा पसंद हैं। गुड़ व चीनी के समोसा की डिमांड भी ज्यादा रहती है। लेकिन इस बार मावा तिल की बर्फी व चॉकलेट रोल की ज्यादा डिमांड है।
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