हल्द्वानी: प्राधिकरण जेई ने सरकार को लगाया 13 लाख का चूना
दमुवाढूंगा स्थित पेट्रोल पंप की भूमि की पैमाइश, भू उच्चीकरण शुल्क आदि की दरों में गड़बड़ी का आरोप
हल्द्वानी, अमृत विचार। जिला विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ है। आरोप है कि प्राधिकरण जेई ने एक पेट्रोल पंप के नक्शे की स्वीकृति में भूमि पैमाइश व शुल्क की दरों में गड़बड़ी और फायदा पहुंचाने की कोशिश की। इससे सरकार को तकरीबन 13 लाख रुपये का चूना लगाया गया ।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने बताया कि उन्होंने बीती 17 अगस्त को जिला विकास प्राधिकरण से दमुवाढूंगा स्थित कपूर चंद्र पेट्रोल पंप के स्वीकृत नक्शे की सूचनाएं आरटीआई में मांगी तो इस घोटाले का खुलासा हुआ।
उन्होंने बताया कि जिला विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2021 में दमुवाढूंगा में कपूर चंद्र फिलिंग स्टेशन का नक्शा मंजूर किया था। इस पेट्रोल पंप की फाइल सुनियोजित ढंग से जानबूझकर जेई कविता साह को दी गई जबकि यह क्षेत्र किसी दूसरे जेई के कार्यक्षेत्र के दायरे में आता है। इसके बाद जेई कविता साह ने साजिशन पेट्रोल पंप की भूमि का कुल क्षेत्रफल, उप विभाजन शुल्क और भू उच्चीकरण शुल्क की निर्धारित दरों में हेरफेर कर शुल्क में गड़बड़ी की और सिर्फ 2,81,819 रुपये ही वसूले जबकि यह शुल्क 15 लाख रुपये का था। यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने 17 अगस्त को पेट्रोल पंप का सूचना का अधिकार लगाया था।
इसके तकरीबन एक माह बाद 27 सितंबर को प्राधिकरण ने पेट्रोल पंप स्वामी को एक पत्र भेजा और इसमें भूमि की पैमाइश, शुल्क निर्धारण में त्रुटि स्वीकारते हुए नियमानुसार शुल्क जमा करने को लिखा। यह शुल्क 15,82,717 रुपये का था जबकि पूर्व में सिर्फ 2,81,819 रुपये ही वसूले गए थे।
इस तरह सरकार को 13,0,098 का रुपये का नुकसान किया गया। आरोप लगाया कि पेट्रोल पंप स्वामी को फायदा पहुंचाना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। उन्होंने प्रशासन से जेई कविता साह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने और उनकी संपत्ति की जांच कराने और कविता साह द्वारा स्वीकृत किए सभी नक्शों की जांच की मांग की है।
मनोज अधिकारी के पास है सिर्फ कृषि का डिप्लोमा
रवि शंकर जोशी ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण में तैनात जेई मनोज सिंह अधिकारी के पास कृषि का डिप्लोमा है। वह कृषि विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए थे। जब उनके पास सिविल इंजीनियरिंग की कोई भी डिग्री या डिप्लोमा नहीं है तो वह नक्शे स्वीकृत कैसे कर सकते हैं। उन्होंने अयोग्य व्यक्ति को प्रतिनियुक्ति में प्राधिकरण में भेजने के कारण के साथ ही उनकी संपत्ति की जांच की मांग की है।
