मानव तस्करी : सुरेश मांझी को भिखारी गैंग को बेचने में राज और उसकी मां गिरफ्तार, किए चौंकाने वाले खुलासे

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कानपुर, अमृत विचार। नौबस्ता के मछरिया के सुरेश मांझी को यातनाएं देकर दिल्ली में छह माह तक भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज नागर और उसकी मां को नौबस्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में दोनों ने मानव तस्करी की बात कबूली है। पुलिस अब सुरेश को बेचने वाले विजय व …

कानपुर, अमृत विचार। नौबस्ता के मछरिया के सुरेश मांझी को यातनाएं देकर दिल्ली में छह माह तक भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज नागर और उसकी मां को नौबस्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में दोनों ने मानव तस्करी की बात कबूली है। पुलिस अब सुरेश को बेचने वाले विजय व उनके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।

मूलरूप से बिहार में सिवान के गोरियाकोठी के पिपरा गांव निवासी सुरेश मांझी को छह माह पहले मछरिया के गुलाबी बिल्डिंग के पास रहने वाला विजय नट गोरखपुर में काम दिलाने के बहाने ले गया और बंधक बनाकर उसने अपने व रिश्तेदार के घर पर कई दिनों तक रखा था।

जहां उसने और उसकी मां ने सुरेश की आंख में केमिकल डालकर उसे नेत्रहीन बना दिया। इसके बाद उसे दिल्ली के गलोई में भीख मंगवाने वाले गिरोह के सरगना राज नागर को उसे 70 हजार रुपये में बेच दिया था। सुरेश की तबियत खराब होने पर वह लोग कार से उसे कानपुर के किदवई नगर में छोड़ कर चले गए थे। मामले में रोहित के परिजनों ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके लिए पुलिस की टीम कानपुर से लेकर दिल्ली तक आरोपितों की तलाश कर रही थी।

पुलिस ने तीन दिन पहले राज की मां आशा को किदवई नगर नटवन टोला से पकड़ा था। इसके बाद रविवार को मछरिया में विजय के घर दबिश देकर उसकी मां समेत दो को उठाया। दोनों का आमना सामना कराने पर उनके बयानों में विरोधाभास मिला लेकिन विजय की मां ने कबूला कि बेटा सुरेश को दिल्ली लेकर गया था। वहीं, आशा ने भी पूछताछ में मानव तस्करी की घटना कबूल की है। इसके बाद पुलिस ने राज को भी गिरफ्तार कर लिया है।

आवाज सुनते ही डरा सुरेश, दोनों को पहचाना
सुरेश के भाई रमेश मांझी ने बताया कि मंगलवार सुबह पुलिस राज और विजय की मां को कांशीराम अस्पताल लेकर आई थी। दोनों ही महिलाएं जब सुरेश के सामने पहुंचीं तो कुछ बोल नहीं रही थी। इस पर पुलिस ने जब दोनों को फटकार लगाई तो राज की मां आशा और विजय की मां दोनों ने बोला। इस पर सुरेश ने दोनों की आवाज पहचान ली है। वहीं, दोनों की आवाज सुनते ही सुरेश डरने लगा था। हालांकि पुलिस को साक्ष्य के तौर पर सुरेश का दोनों महिलाओं को पहचाना अहम सुराग मिला है।

साहब, हमने कुछ नहीं किया है
पुलिस जब दोनों महिलाओं राज की मां आशा और विजय की मां को लेकर अस्पताल पहुंची। जहां दोनों के बोलने पर सुरेश ने पहचान लिया। इस दौरान दोनों महिलाएं रोने लगी। और सुरेश से मांफी मांगकर खुद को बेगुनाह बताने लगी। जिसके बाद पुलिस दोनों महिलाओं को थाने लेकर आई है।

शहर से कई युवकों को दिल्ली में बेचने की बात कबूली
पुलिस ने मानव तस्करी मामले में कई आरोपितों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। तब आरोपितों ने जो खुलासे किए वह चौंकाने वाले निकले है। आरोपितों ने शहर के अलावा आसपास जिलों से भी कई लोगों को दिल्ली में ले जाकर बेचने की बात कबूली है।

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