बरेली: गन्ना भुगतान के दावे खोखले, किसानों का पिछले सत्र का 423.33 करोड़ फंसे
बरेली, अमृत विचार। गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा समय से भुगतान के दावे हर बार हवा हवाई साबित हो रहे हैं। अधिकतर चीनी मिलों में पेराई सत्र शुरू हो चुका है। मगर अभी भी काफी संख्या में चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किया गया। यह भी पढ़ें- बरेली: 1500 ईवीएम की …
बरेली, अमृत विचार। गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा समय से भुगतान के दावे हर बार हवा हवाई साबित हो रहे हैं। अधिकतर चीनी मिलों में पेराई सत्र शुरू हो चुका है। मगर अभी भी काफी संख्या में चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को भुगतान नहीं किया गया।
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इनमें मुख्य रूप से मंडल की बहेड़ी, नवाबगंज, बरखेड़ा, मकसूदापुर चीनी मिलें शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि नवंबर के अंत और दिसंंबर तक इन चीनी मिलों को गन्ना बेचने वाले किसानों को भी भुगतान कर दिया जाएगा। मंडल की चीनी मिलों पर किसानों का लगभग 423.33 करोड़ रुपये बकाया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बरेली मंडल में बीते पेराई सत्र में 331274 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल था, जिसमें से लगभग 2602.05 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ। मंडल की चीनी मिलों ने बीते सत्र में 1138.10 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर 9.75 प्रतिशत चीनी रिकवरी से 110.98 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया।
आंकड़ों के मुताबिक मंडल की चीनी मिलों पर 3948.68 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य देय हुआ। जिसमें से 3552.61 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को कर दिया गया है, लेकिन अभी भी कई चीनी मिलों पर किसानों का भुगतान बकाया है।
4 नवंबर तक की स्थिति की बात करें तो बहेड़ी चीनी मिल पर 99.94 करोड़, नवाबगंज चीनी मिल पर 42.19 करोड़, बरखेड़ा चीनी मिल पर 134.26 करोड़, मकसूदापुर शाहजांपुर चीनी मिल पर 80.26 करोड़ रुपये का बकाया था। इसके अलावा बिसौली और नेवली चीनी मिलों पर भी किसानों का बकाया है।
यह स्थिति तब है जब शासन की तरफ से सख्त निर्देश हैं कि समय पर 14 दिन के अंदर किसानों का गन्ना भुगतान किया जाए। बावजूद इसके बड़ी संख्या में किसानों को अब तक भुगतान नहीं मिल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि बीते सालों के मुकाबले स्थिति सुधरी है। 90 प्रतिशत तक भुगतान हो चुका है। जिन चीनी मिलों का बकाया है, उनसे किसानों का भुगतान नवंबर और दिसंबर तक संभवता करा दिया जाएगा।
बीते वर्षों के मुकाबले किसानों को भुगतान की स्थिति बेहतर हुई है। लगभग 90 प्रतिशत गन्ना किसानों का भुगतान हुआ है। बरखेड़ा, बहेड़ी, नवाबगंज, मकसूदापुर जैसी चीनी मिलें बड़ी बकाएदार हैं—राजीव राय, उपायुक्त गन्ना, बरेली मंडल।
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