हल्द्वानी: एसटीएच में अब ओपीडी मरीजों को मुफ्त मिलेंगीं दवाएं

हल्द्वानी: एसटीएच में अब ओपीडी मरीजों को मुफ्त मिलेंगीं दवाएं

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी। कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में अब ओपीडी मरीजों को सरकारी अस्पतालों की तरह निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन हर ओपीडी कक्ष के बाहर दवा वितरण केंद्र खोलने की तैयारी कर रहा है। अगले माह दिसंबर से अस्पताल में योजना के शुरू होने की …

लक्ष्मण मेहरा, हल्द्वानी। कुमाऊं के सबसे बड़े डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में अब ओपीडी मरीजों को सरकारी अस्पतालों की तरह निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन हर ओपीडी कक्ष के बाहर दवा वितरण केंद्र खोलने की तैयारी कर रहा है। अगले माह दिसंबर से अस्पताल में योजना के शुरू होने की प्रबल संभावना है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में कुमाऊं के अलावा उत्तर प्रदेश तक से मरीज इलाज कराने आते हैं। यहां हर दिन 1500 से 1800 तक ओपीडी होती है। अस्पताल में वर्तमान में भर्ती मरीजों व इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को निशुल्क दवा दी जाती है। लेकिन ओपीडी मरीजों को चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है।

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन अस्पतालों में ओपीडी मरीजों को पहले से निशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन सुशीला तिवारी अस्पताल में यह सुविधा नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। मरीजों की इस परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन जल्द ही हर ओपीडी कक्ष के बाहर दवा वितरण केंद्र खोलने की तैयारी में जुट गया है।

कई दौर की बैठकों के बाद हुआ निर्णय
एसटीएच में निशुल्क दवा वितरण केंद्र खोलने के लिए लंबे समय से कार्रवाई चल रही थी। इसको लेकर कॉलेज व अस्पताल प्रशासन के बीच कई दौर की बैठकें हुईं। जिसमें सभी चिकित्सकों ने एक राय होकर इस निर्णय पर अपनी अंतिम मुहर लगाई।

फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ की तैनाती को कार्यवाही शुरू
निशुल्क दवा वितरण केंद्रों में फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ की तैनाती की जाएगी। इसके लिए कॉलेज व अस्पताल प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। हर केंद्र में जरूरत के हिसाब से कर्मियों को नियुक्ति किया जायेगा। जिससे एक ही केंद्र पर मरीजों की भीड़ न लगे।

शुरुआत में 30 से 40 दवाओं का होगा वितरण
ओपीडी मरीजों के लिए खुलने जा रहे केंद्रों में शुरुआत में 30 से 40 दवाओं के सॉल्ट उपलब्ध होंगे। इसके बाद धीरे-धीरे इन सॉल्ट को बढ़ाया जायेगा। इसमें लगभग 60 से 70 लाख रुपये हर वर्ष का अतिरिक्त खर्च होगा। वर्तमान में अस्पताल में भर्ती व इमरजेंसी मरीजों को दी जाने वाली दवाओं पर करीब ढाई करोड़ रुपये का खर्च आता है।

ओपीडी मरीजों के लिए निशुल्क दवा वितरण केंद्र खोले जा रहे हैं। सभी कार्यवाही पूरी हो गई है। दिसंबर माह तक हर हाल में केंद्रों को शुरू कर दिया जायेगा। अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा देने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। – डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज