मुरादाबाद : बच्चों को टीके लगाने में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, शहर में ही नहीं पहुंची टीम

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मुरादाबाद,अमृत विचार। कोविड टीकाकरण बंद होने के बाद भी जिले में गर्भवती महिलाओं और नवजातों की बीमारियों से सुरक्षा के लिए विभाग के चिकित्साधिकारी टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं। देहात तो दूर शहर के ही कई मोहल्ले ऐसे हैं जिसमें 10-24 फीसदी बच्चों को कोई टीका आज तक नहीं लग पाया है। ऐसे में …

मुरादाबाद,अमृत विचार। कोविड टीकाकरण बंद होने के बाद भी जिले में गर्भवती महिलाओं और नवजातों की बीमारियों से सुरक्षा के लिए विभाग के चिकित्साधिकारी टीकाकरण नहीं करा पा रहे हैं। देहात तो दूर शहर के ही कई मोहल्ले ऐसे हैं जिसमें 10-24 फीसदी बच्चों को कोई टीका आज तक नहीं लग पाया है। ऐसे में यदि इन्हें गलघोंटू, डिप्थीरिया, टायफाइड, हेपेटाइटिस बी, सी, हैजा, चेचक आदि बीमारी हुई तो जान पर बन आएगी।

जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव ने एक दिन पहले टीकाकरण की खराब स्थिति पर नाराजगी जताई थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर के शिवनगर में 10, करूला में 15 और मियां कालोनी में 24 फीसदी बच्चों को कोई टीका ही नहीं लगा है। वहीं किसरोल, वारसी नगर, चिड़िया टोला, बरवालान, कांशीराम नगर में भी प्रगति खराब होने पर चिकित्साधिकारियों को खरी खोटी सुननी पड़ी थी। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से टीकाकरण में प्रगति सुधारने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया था।

केंद्रों पर एएनएम के द्वारा अभी बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण किया जाता है। लेकिन यह हर कार्य दिवस में होगा। जिलाधिकारी नगर क्षेत्र में अपडेटेट ड्यू लिस्ट की प्रगति 57 और सुपरवाइजरी भ्रमण में 64 फीसदी प्रगति होने पर इसे बढ़ाने का निर्देश दे चुके हैं। उन्होंने रिक्त पदों पर आशाओं की जल्द नियुक्ति करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमसी गर्ग का कहना है कि नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अब हर कार्य दिवस में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने के लिए चिकित्साधिकारियों और एएनएम को निर्देश दिया है। सप्ताह के छह दिन यहां टीकाकरण होगा।

पांच वर्ष तक के बच्चों को लगते हैं यह टीके
मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि नवजात शिशु के जन्म से लेकर पांच वर्ष की आयु तक अलग-अलग महीने में चार्ट के अनुसार टीके लगाए जाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति खराब, कई बार फटकार
ब्लॉक स्तर गांवों में भी टीकाकरण की प्रगति कम होने पर चिकित्साधिकारियों को कई बार फटकार लग चुकी है।

यह टीके प्रमुख हैं
बीसीजी टीका – तपेदिक (टीबी) के लिए

हेपेटाइटिस बी टीका
ओपीवी (पोलियो की ओरल ड्रॉप्स) और आईपीवी (पोलियो का इंजेक्शन) – पोलियो के लिए

डीटीपी टीका- डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस (काली खांसी) के लिए
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी टीका

रोटावायरस
टाइफाइड संयुग्म (कॉन्जुगेट) टीका

गर्भवती महिलाओं को लगते हैं यह टीके
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान टिटनेस टॉक्साइड (टीटी) के दो टीके लगते हैं। इनके दो टीके के बीच चार सप्ताह का अंतर जरूरी है। इससे टिटनेस, डिप्थीरिया से महिला के साथ गर्भस्थ शिशु का भी बचाव होता है।

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