शाहजहांपुर: विधायक दफ्तर के सामने सड़क निर्माण को लेकर अफसरों ने मूंद लीं आंखें

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शाहजहांपुर, अमृत विचार। पुवायां विधायक चेतराम के चिनौर स्थित दफ्तर के सामने स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण कराने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने जमीन की पड़ताल कराने तक की जरूरत नहीं समझी। अफसरों के आंखें मूंद लेने के कारण जिस जमीन को वर्ष 2014 में कोर्ट ने पीड़ित की होना सिद्ध कर दी थी …

शाहजहांपुर, अमृत विचार। पुवायां विधायक चेतराम के चिनौर स्थित दफ्तर के सामने स्थित तालाब का सौंदर्यीकरण कराने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने जमीन की पड़ताल कराने तक की जरूरत नहीं समझी। अफसरों के आंखें मूंद लेने के कारण जिस जमीन को वर्ष 2014 में कोर्ट ने पीड़ित की होना सिद्ध कर दी थी और वर्ष 2018 से राज्य सरकार पर अवमानना का वाद चल रहा है, उस विवादित जमीन पर दीवार और इंटरलॉक सड़क बनाने के लिए न सिर्फ 11 लाख को मंजूरी मिल गई, बल्कि निर्माण भी शुरू करा दिया गया। अब भूस्वामी ने विरोध करते हुए डीएम और नगर आयुक्त समेत उच्चाधिकारियों को जमीन का मुकदमा हाईकोर्ट में विचाराधीन होने की जानकारी दी तो हड़कंप मचा है। हालांकि बुधवार को भी विवादित जमीन पर निर्माण होता रहा।

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शहर से सटे चिनौर निवासी राजेश शुक्ला ने डीएम और नगर आयुक्त समेत अधिकारियों को पत्र भेजकर अपनी जमीन पर नगर निगम द्वारा सड़क बनाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए नगर निगम ने निर्माण शुरू करा दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 17 अक्टूबर 2022 को उन्होंने डीएम, एसपी और नगर आयुक्त को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि उनकी पुश्तैनी जमीन चिनौर में है। उनके पिता ने भूमि पर पौधारोपण किया था। वर्तमान में इस पर हीरालाल शुक्ला बनाम उप्र सरकार का मुकदमा विचाराधीन है।

मामले में कोर्ट ने 14 अगस्त 2014 को यह सिद्ध कर दिया था कि यह जमीन उनकी है। इसके बाद भी 13 अक्टूबर 2022 से कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए नगर निगम द्वारा भूमि पर सफाई काम शुरू करा दिया गया और पेड़ों को नष्ट किया जा रहा है। साथ ही दीवार उठाकर सड़क का निर्माण कराया जाना है। उन्होंने चेतावनी दी है कि तत्काल निर्माण बंद न किया गया तो वह अवमानना का नया वाद दायर करने को मजबूर होंगे, जिसकी हर्जें-खर्चे की समस्त जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी। उनका कहना है कि वह लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, फिरभी निर्माण कार्य जारी है।

डीएम से लेकर नगर निगम तक भागा, लेकिन नहीं बंद कराया निर्माण
पीड़ित राजेश शुक्ला का कहना है कि जैसे ही उसे पता लगा की उसकी भूमि पर दीवार उठाई जा रही है और सड़क निर्माण कराया जाएगा। वह नगर निगम के जेई, अधिशासी अभियंता आशीष त्रिवेदी और सहायक आयुक्त एसके सिंह से मिला, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर वह प्रार्थना पत्र लेकर डीएम के पास गया। डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट से मिलने को कहा। सिटी मजिस्ट्रेट ने नगर निगम के सहायक आयुक्त के पास भेज दिया। सहायक आयुक्त ने अधिशासी अभियंता के पास भेज दिया। वहां से वह फिर जेई से मिला, लेकिन दो दिन तक चक्कर लगाने के बाद भी निर्माण कार्य जारी है।

प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा निर्माण
चिनौर निवासी भूस्वामी राजेश शुक्ला का कहना है कि नगर निगम कुछ प्रभावशाली लोगों और ठेकेदारों की मिलीभगत से उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्माण करा रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनीं। अब भी अगर निर्माण न रुका तो वह अवमानना का नया वाद दायर करने को मजबूर होंगे।

सौंदर्यीकरण के लिए 11 लाख की स्वीकृति
नगर निगम के जेई मनोज कुमार का कहना है कि लोगों के प्रस्ताव पर तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एस्टीमेट बनाया गया, जिस पर 11 लाख रुपये की स्वीकृति मिल गई थी। धनराशि को मंजूरी मिलने के बाद ताला के एक तरफ दीवार और सड़क का निर्माण शुरू कराया गया है।

जमीन के विवादित होने की जानकारी नहीं थी: अधिशासी अभियंता
नगर निगम के अधिशासी अभियंता आशीष त्रिवेदी का कहना है कि चिनौर में तालाब के सौंदर्यीकरण के तहत दीवार और इंटरलॉक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। अब उनके पास शिकायत आई है कि वह जमीन निजी है और उस पर कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। जमीन के विवादित होने की जानकारी पहले नहीं थी। तालाब को साफ सुथरा करने के उद्देश्य से दीवार और सड़क निर्माण को मंजूरी मिली, जिसके तहत निर्माण शुरू किया गया। मामले की जांच की जाएगी। शिकायत सही मिली तो निर्माण रुकवा दिया जाएगा।

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