लखनऊ हजरतगंज यूपीसीबी घोटाला: मास्टर माइंड समेत पांच आरोपी गिरफ्तार, एसटीएफ के मिले कई और सुराग

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अमृत विचार लखनऊ। हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के खाते से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बांस मंडी तिराहा लखनऊ से मास्टर माइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में लोकभवनकर्मी भी शामिल है। आरोपियों ने खाते को हैक करने के लिए मुंबई …

अमृत विचार लखनऊ। हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के खाते से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बांस मंडी तिराहा लखनऊ से मास्टर माइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में लोकभवनकर्मी भी शामिल है। आरोपियों ने खाते को हैक करने के लिए मुंबई से हैकर को भी बुलाया था। जबकि, मामले में अभी भी 25-25 हजार के तीन ईनामी फरार हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।

बता दें कि बीते 16 अक्टूबर को साइबर क्राइम पुलिस को सहायक महाप्रबन्धक अजय कुमार त्रिपाठी ने शिकायत दी थी कि बैंक के सात अलग-अलग खातों से आठ बैंक खातों में 146 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से ट्रांसफर किए गए। मामले की गंभीरता देखते हुए केस की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई। इसी क्रम में एसटीएफ की टीम ने रविवार की देर रात पॉलीटेक्निक चौराहा स्थित बांस मंडी तिराहा से मास्टर माइंड समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गायत्री नगर स्थित पारा पुलिस चौकी निवासी राम राज जो की लोक भवन में अनुभाग अधिकारी के रुप में कार्यरत है। यही इस खेल का मास्टर माइंड भी है। जबकि, शाहजहांपुर निवासी मास्टर माइंड ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, शारदा नगर निवासी कर्मवीर सिंह जो इसी बैंक में महमूदाबाद ब्रांच में सहायक प्रबन्धक के रूप में कार्यरत था। इसके आलावा सुनहली अलीगजं निवासी आकाश कुमार और औरागांबाद बिहार निवासी भूपेन्द्र सिंह के रूप में हुई है। इन आरोपियों के कब्जे से बैंक आइडी कार्ड, ब्लैंक चेक समेत कई अन्य कागजात बरामद हुए हैं।

18 महीने में एक करोड़ खर्च कर तैयार किया था प्लान
एसटीएफ की पूछताछ में मास्टर माइंड ध्रुव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस खेल को सफल करने के लिए 18 महीने तक इस पर काम किया गया। जिसमें करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए। इन पैसों को खर्च कर तीन हैकरों को मंबई से बुलाया गया। जिन्हे होटल कम्फर्ट जोन चारबाग में लगभग 1 वर्ष तक कई कमरे बुक करा कर रोके गए। वहीं, होटल में हैकरों ने एक डिवाइस तैयार की। जिसे कर्मवीर सिंह और ज्ञानदेव पाल ने बैंक के सिस्टम में आठ बार लगाकर प्रयास किए, बावजूद सफल नहीं हुए। जिसके बाद ही गेम में पूर्व प्रबंधत आरएस दुबे को शामिल क किया गया।

आरोपियों ने नैनीताल में लिया था शरण
पूछताछ में ध्रुव कुमार ने बताया कि उसके दोस्त ज्ञानदेव पाल ने उसकी मुलाकात आकाश से कराई थी। आकाश के माध्यम से ही वह एक ठेकेदार से मिला। जिसने खुद के पास हैकर होने की बात बताकर किसी बैंक से 300 करोड़ फर्जी तरीके से ट्रांसफर करने की योजना बनाई। जबकि, भूपेन्द्र सिंह के माध्यम से सहायक प्रबन्धक कर्मवीर सिंह महमूदाबाद से मुलाकात हुई। यहीं पर प्लान फाइनल करने के बाद उस पर काम कर पैसे ट्रांसफर किए गए। जब खाते को फ्रीज करा दिया गया तो सभी लखनऊ से नैनीताल निकल गए।

कोट…
बैंक फ्राड मामले में मास्टर माइंड समेच पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ में जो साक्ष्य सामने आएंगे। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ

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