UP Polytechnic : तो बंद हो सकतें हैं यूपी में कई पॉलीटेक्निक संस्थान, जानिए क्या है वजह

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रविशंकर गुप्ता अमृत विचार लखनऊ। यूपी में जूनियर इंजीनियरों को तैयार करने में पॉलीटेक्निक संस्थानों (polytechnic institutes) की भूमिका बहुत अहम मानी जाती है, लेकिन मौजूदा समय में जो हालात हैं वही अगर आगे भी रहे तो कई संस्थानों में ताला लग सकता है। इस समय में पॉलीटेक्निक संस्थानों के शैक्षिक सत्र 2022-23 में प्रवेश …

रविशंकर गुप्ता अमृत विचार लखनऊ। यूपी में जूनियर इंजीनियरों को तैयार करने में पॉलीटेक्निक संस्थानों (polytechnic institutes) की भूमिका बहुत अहम मानी जाती है, लेकिन मौजूदा समय में जो हालात हैं वही अगर आगे भी रहे तो कई संस्थानों में ताला लग सकता है। इस समय में पॉलीटेक्निक संस्थानों के शैक्षिक सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया चल रही है, लेकिन सीटे भरना मुश्किल हो रहा है। अभी तक सरकारी संस्थानों में 40 हजार और निजी संस्थानों में 60 हजार सीटे ही भर सकी हैं।

जबकि मौजूदा समय में प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में सवा दो लाख से अधिक सीटें हैं। इस तरह से करीब 65 फीसदी तक सीटें खाली हैं। इन सीटों के न भरने से कई निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों में भी ताला लग सकता है। इस संबंध में जब अमृत विचार ने जमीनी पड़ताल की तो कई वजह भी सामने निकल कर सामने आई और वहीं प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव एफआर खान (Technical Education Council Secretary FR Khan) से भी बातचीत की।

प्रदेश में 1346 पॉलीटेक्निक संस्थानों का हो रहा संचालन
मौजूदा समय में प्राविधिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्रदेश भर में 1346 पॉलीटेक्निक संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 2 लाख 28 हजार सीटें हैं। अभी तक 40 हजार सीटें सरकारी और प्राइवेट में 60 हजार सीटे भर सकी हैं। इसमें सबसे ज्यादा निजी संस्थानों के आगे चुनौती बनकर खड़ी है। क्योंकि उनके यहां वेतन बच्चों की फीस से ही निकलता है। ऐसे में संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षक व अन्य स्टाफ के लिए भी समस्या होना तय है।

कोर्स अपडेट न होने से भी बच्चों का मोह भंग
पॉलीटेक्निक संस्थानों में मौजूदा समय में संचालित कोर्स भी अपडेट नहीं हो सके हैं, इस स्थिति में छात्रों को पढ़ाई के बाद भी रोजगार का संकट हो रहा है। ऐसे में कई ऐसे ट्रेडिंग कोर्स हैं जिनसे छात्रों का का मोह भंग हुआ है। पॉलीटेक्निक संस्थानों के शिक्षक बताते हैं कि पॉलीटेक्निक से फार्मेसी इन डिप्लेामा में तो अभ्यर्थी मिल जाते हैं लेकिन विषयों में छात्र नहीं मिल पा रहे हैं।

प्रदेश में ये है पॉलीटेक्निक संस्थानों की स्थिति
– प्रदेश में 147 राजकीय संस्थान
– 18 अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थान
– 74 ट्रेडों से अधिक में हो रही पढ़ाई
– पढ़ाने की जिम्मेदारी 5002 शिक्षकों की थी
– इसमें से 3515 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए

ये सुधार की है जरूरत
– सभी संस्थानों प्लेसमेंट सेल मजबूत हो
-खस्ताहाल प्रयोगशालाओं को दुरुस्त किया जाये
– सभी जरूरी पाठ्यक्रम अपडेट किए जाये
-उद्योग जगत की मांग के अनुसार पढ़ाई हो
– डिप्लोमा कोर्स भी अपडेट किए जायें
– नई शिक्षा नीति को तत्काल अमल में लाया जाये
– इंटर कॉलेजों में पढ़ रहे बच्चों को जागरुक किया जाये
– प्रवेश परीक्षा को आसान बनाया जाये
– निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों की मनमानी को सख्ती से रोका जाये।
– संस्थानों योग्य फैकेल्टी रखी जाये

कोट…….
पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण के चलते पॉलीटेक्निक संस्थानों पर बड़ा असर पड़ा है। इसके अलावा जो जरूरी किए जाने हैं वह किए जा रहे हैं, नये चार कोर्स भी शुरू कराये गये हैं, सभी जिलों से खाली सीटों के आकड़े मांगे गये हैं। इनमें 80 प्रतिशत सीटें भरने की उम्मीद है।
एफआर खान सचिव प्राविधिक शिक्षा परिषद

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