मुरादाबाद : लक्ष्य 20000 का,1298 को मिला 100 दिन का रोजगार
मुरादाबाद,अमृत विचार। मनरेगा योजना का जिले में बुरा हाल है। मजदूरों को 100 दिन रोजगार की गांरटी हवा-हवाई साबित हो रही है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो सात माह में महज 1298 परिवारों को ही 100 दिन का काम मिला है। जबकि जिले में दो लाख 32 हजार जॉब कार्ड धारक हैं। मनरेगा योजना …
मुरादाबाद,अमृत विचार। मनरेगा योजना का जिले में बुरा हाल है। मजदूरों को 100 दिन रोजगार की गांरटी हवा-हवाई साबित हो रही है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो सात माह में महज 1298 परिवारों को ही 100 दिन का काम मिला है। जबकि जिले में दो लाख 32 हजार जॉब कार्ड धारक हैं।
मनरेगा योजना का बजट इस वर्ष 87 करोड़ 14 लाख 77 हजार रुपये का है। बजट का सर्वाधिक हिस्सा श्रम यानी मजदूरी पर खर्च किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में शासन ने जिले में 30 लाख मानव दिवस सृजित करने के साथ ही 20 हजार परिवारों को 100 दिन का रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन बीते सात माह में मात्र 23 लाख मानव दिवस व 1298 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार मिल पाया है।
बिलारी और छजलैट ब्लाक स्थिति सबसे खराब
100 दिन का रोजगा मुहैया कराने में सबसे फिसड्डी बिलारी और छजलैट ब्लाक हैं। बिलारी में 33576 में से 47 और छजलैट में 26884 परिवारों में महज 84 परिवारों को ही 100 दिन काम मिला है। भगतपुर टांडा में 32275 में 107, डिलारी में 31068 में 209, डींगरपुर में 35230 में 234, मुरादाबाद में 13348 में 162, मूंढ़ापांडे में 29094 में 288, ठाकुरद्वारा में 30534 में 167 श्रमिक परिवारों को 100 दिन का काम मिला है।
213 रुपये मिलती है मजदूरी
मनरेगा योजना से मजदूरों का मोह भंग होता जा रहा है। योजना से अलग हटकर उन्हें तीन सौ रुपये मजदूरी मिल रही है। जबकि मनरेगा में मात्र 213 रुपये। ऐसे में मजदूर बाहर काम खोज लेते हैं।
श्रमिकों को जागरूक किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा जॉब कार्ड धारकों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया जाएगा। सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि श्रमिक यदि रोजगार मांगने नहीं आ रहे तो उनके घर जाकर उन्हें रोजगार के लिए प्रेरित करें और रोजगार मुहैया कराएं। -सतीश प्रसाद मिश्र परियोजना निदेशक, डीआरडीए
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