अयोध्या: भक्ति मार्ग पर फिर हुई दुकानें खाली करवाने की उद्घोषणा, जानिये क्या है पूरा मामला
अयोध्या, अमृत विचार। 24 घंटे बाद रामनगरी का ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला शुरू होने वाला है। रामनगरी के व्यापारी और कारोबारी अपना व्यवसाय और दुकान व्यवस्थित करने में जुटे हैं। इसी बीच शनिवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर माइक फिर चीखा और माइक से भक्ति मार्ग स्थित अधिग्रहण के दायरे में आई सभी दुकानों …
अयोध्या, अमृत विचार। 24 घंटे बाद रामनगरी का ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेला शुरू होने वाला है। रामनगरी के व्यापारी और कारोबारी अपना व्यवसाय और दुकान व्यवस्थित करने में जुटे हैं। इसी बीच शनिवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर माइक फिर चीखा और माइक से भक्ति मार्ग स्थित अधिग्रहण के दायरे में आई सभी दुकानों को शाम तक हर हाल में खाली कर देने की ताकीद की गई। ऐसा न होने पर रविवार की सुबह बुलडोजर से कब्जा ध्वस्त कर खाली कराने की चेतावनी दी गई।
एनाउंसमेंट के बाद श्रृंगारहाट से अमावा मंदिर तक पटरी के दोनों तरफ के दुकानदारों में हलचल रही। सावन मेला के पूर्व भी प्रशासन की ओर से कब्जा हटाने की कवायद शुरू कराई गई थी। कुछ देर तक बुलडोजर चला भी था, लेकिन जनप्रतिनिधियों तथा राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कार्रवाई को सावन मेला बीतने तक स्थगित कर दिया गया था।
भक्ति पथ पर श्रृंगारहाट से लेकर गोलइया तक सड़क के दोनों पटरियों पर दुकानें आबाद हैं। इनमें ज्यादातर दुकानें मठ-मंदिरों के स्वामित्व की हैं। राम जन्मभूमि के दर्शन मार्ग को सुलभ बनाने की कवायद के तहत जिला प्रशासन की ओर से दशरथ महल, हरिशचंद्र मार्केट, हनुमानगढ़ी आदि क्षेत्रों में सड़क के चौड़ीकरण को लेकर प्रशासन ने जमीन का अधिग्रहण किया है। प्रभावित ज्यादातर लोगों को मुआवजा भी दिया जा चुका है।
वहीं कई लोग अपनी मांग को लेकर अड़े हैं, ऐसे दुकानदारों का नेतृत्व कर रहे नंद कुमार गुप्ता का कहना है कि प्रशासन अपने वादे से पीछे हट रहा है। समन्वय बैठक में स्थापित के बाद विस्थापित करने, मकान मालिकों से दुकान के लिए जमीन दिलाने तथा उचित मुआवजा देने का वादा किया था। ऐन कार्तिक मेला के पूर्व प्रशासन मनमानी कर रहा है।
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