बाल विवाह: बाबुल के आंगन में बिलखी सोन चिरैया
श्रीशचंद्र मिश्र/ मुरादाबाद। पीतल नगरी मुरादाबाद प्रदेश के उन गिने चुने जिलों में शामिल है, जहां बाल विवाह की कुप्रथा गहरी जड़ें जमा चुकी है। 21वीं सदी में भी बाल विवाह की कुप्रथा यहां खत्म नहीं हो सकी। इसका गुनहगार कोई और नहीं, बल्कि वह कार्यदायी संस्थाएं व प्रशासनिक मशीनरी है, जिसकी इच्छाशक्ति में कमी …
श्रीशचंद्र मिश्र/ मुरादाबाद। पीतल नगरी मुरादाबाद प्रदेश के उन गिने चुने जिलों में शामिल है, जहां बाल विवाह की कुप्रथा गहरी जड़ें जमा चुकी है। 21वीं सदी में भी बाल विवाह की कुप्रथा यहां खत्म नहीं हो सकी। इसका गुनहगार कोई और नहीं, बल्कि वह कार्यदायी संस्थाएं व प्रशासनिक मशीनरी है, जिसकी इच्छाशक्ति में कमी नाबालिग बेटियों के जीवन का नासूर बन गई है। अफसोस है कि बाबुल के आंगन में बिलखती बेटियों का तारणहार कोई नहीं।
बाल विवाह व मानव तस्करी जैसी घटनाओं की नकेल कसने के लिए डीएम ने टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण कड़ी चाइल्ड लाइन के बीते तीन वर्ष के आंकड़े न सिर्फ चौंकानो वाले हैं, बल्कि जिम्मेदार तंत्र की सक्रियता व अपने ही पाल्यों के अमानवीय बर्ताव का पर्दा उठाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि बाबुल के घर में ही सोन चिरैया महफूज नहीं है। नाबालिग बेटियों के पांव में विवाह की बेड़ी डालने की कोशिश हो रही है। बेटियों को उनकी मंजिल की ओर बढ़ते देने की बजाए, उनके साथ छल व कपट किया जा रहा है।
मान व मर्यादा के नाम पर कम उम्र में उनके हाथ पीले किए जा रहे हैं। चाइल्ड लाइन के आंकड़ों के मुताबिक, तीन वर्ष में बाल विवाह के कुल 27 मामले जनपद में प्रकाश में आए हैं। बाल विवाह की घटनाएं सबसे अधिक बिलारी तहसील क्षेत्र में प्रकाश में आईं। बाल विवाह पर समय रहते यदि गौर नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में तस्वीरें और भयावह होंगी।
मस्ती में डीपीओ साहब, वेदना में बेटियां
नाबालिग बेटियों की वेदना समझने वाला कोई नहीं है। वह समाज कल्याण विभाग भी दायित्व से विमुख है, जिसके कंधे पर आड़े वक्त में बेटियों की मदद करने का भार है। बाल विवाह के मामले मीडिया अथवा अन्य माध्यमों से प्रकाश में आने के बाद ही जिम्मेदार हरकत में आते हैं। बाल विवाह की कुप्रथा को बढ़ावा देने वालों की नकेल कसने की कोई भी ठोस व कारगर कार्ययोजना विभाग के पास नहीं है।
ठेका लेने वाले का पसरा संजाल
बाल विवाह का ठेका लेने वाले दलालों का पूरे जिले में संजाल है। प्रशासन ने दलालों का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए जिस टास्क फोर्स का गठन किया है, उसकी अकर्मण्यता के चलते दलालों की पौ बारह है। प्रदेश व देश के विभिन्न शहरों, कस्बों व गांवों से मुरादाबाद व इसके आसपास के जिलों में नाबालिग लड़कियों की तस्करी होती है। बीते दिनों हरथला रेलवे स्टेशन के पास नेपाली मूल की एक नाबालिग लड़की को पुलिस ने बरामद किया। पूछताछ में नेपाली किशोरी ने कई चौंकाने वाली सूचनाएं पुलिस व बाल कल्याण समिति से साझा कीं। नेपाली बेटी ने दो टूक बताया कि रामपुर के रहने वाले सगे भाइयों ने उसकी तस्करी की है। नाबालिग उम्र में उसका निकाह करा दिया गया। मजे की बात यह है कि मानव तस्करी व सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े मामले में सिविल लाइंस पुलिस आज तक मौन है। कागजी कोरम पूरा करते हुए पुलिस चार आरोपियों में से महज एक को ही गिरफ्तार कर पाई है। रामपुर व दिल्ली के आरोपी आज भी आजाद घूम रहे हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष बाल विवाह की घटनाएं
2020 16
2021 09
2022 02
कुल 27
बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह निषेध टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सूचना मिलते ही टास्क फोर्स मौके पर पहुंच कर सूचना का पहले सत्यापन करती है। बाल विवाह की पुष्टि के बाद संबंधित आरोपियों को हिदायत दी जाती है। इसके अलावा नुक्कड़ नाटक व स्कूलों में प्रचार-प्रसार करते हुए बाल विवाह को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।-राजेश कुमार गुप्ता, डीपीओ
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