बाढ़ व अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन करें अधिकारी :प्रमुख सचिव परिवहन

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बांदा, अमृत विचार। प्रमुख सचिव परिवहन एल.वेंकटेश्वर लू ने सर्किट हाउस सभागार में गत दिवस आयोजित अतिवृष्टि से हुई सम्पत्तियों की क्षति के सम्बन्ध में हुई मंत्रिमण्डल समूह की बैठक में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में मातहतों को दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित ग्राम शंकरपुरवा, मजरा नांदादेव व ग्राम नरी …

बांदा, अमृत विचार। प्रमुख सचिव परिवहन एल.वेंकटेश्वर लू ने सर्किट हाउस सभागार में गत दिवस आयोजित अतिवृष्टि से हुई सम्पत्तियों की क्षति के सम्बन्ध में हुई मंत्रिमण्डल समूह की बैठक में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों के संबंध में मातहतों को दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित ग्राम शंकरपुरवा, मजरा नांदादेव व ग्राम नरी का निरीक्षण किया।

प्रमुख सचिव ने सर्वप्रथम ग्राम शंकरपुरवा मजरा नांदादेव ग्राम के निरीक्षण के बाद मजरे में आयोजित चौपाल की अध्यक्षता की, जिसमें जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने अवगत कराया कि बाढ़ से 45.200 हेक्टेयर बोया गया रकबा प्रभावित है, जिसमें से प्रभावित कृषकों की संख्या 150 है। प्रभावित 80 व्यक्तियों को बाढ़ में फौरी सहायता तथा 30 परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया गया है। मजरे में 12 आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों की क्षतिपूर्ति धनराशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है।

बाढ़ से प्रभावित 150 कृषक कृषि निवेश को चयनित किए गए है, जिसमें से 57 कृषकों के खातों में धनराशि भेजी जा चुकी है, शेष के खातों में धनराशि भेजने का कार्य प्रक्रिया में है। प्रमुख सचिव ने ग्राम वासियों से जानकारी प्राप्त की, जिसकी पुष्टि ग्रामीणों ने भी की। ग्रामीणों ने उपस्थित मांग की, कि प्रतिवर्ष बाढ़ से उनके मकानों की क्षति होती है, इसके लिए उन्हें अलग से आवासीय पट्टा दिया जाए। तहसीलदार पैलानी ने बताया कि इस ग्राम में कुल रकबा 1992.0250 हेक्टेयर है, जिसमें बोया गया 25.187 हेक्टेयर रकबा बाढ़ से प्रभावित है। इस गांव में बाढ़ से प्रभावित 120 कृषक हैं।

बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को फौरी सहायता के रूप में 25 पैकेट तथा 10 व्यक्तियों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। बाढ़ से 5 और अतिवृष्टि से 3 मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रमुख सचिव ने ग्रामीणों से इस सम्बन्ध में पूछा, ग्रामीणों ने सहमति व्यक्त की। ग्रामीणों ने निवाइच व पैलानी डेरा की सोसाइटी बन्द होने से खाद्य न मिलने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि समय से खाद किसानों को उपलब्ध करायें। बाढ़ व अतिवृष्टि से 93 लोगों की जनहानि, 4 करोड़ 90 लाख की सहायता राशि का भुगातान किया जा चुका है।

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