मुरादाबाद : 27 साल बाद बन रहा ग्रहों का अद्भुत संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त
मुरादाबाद,अमृत विचार। इस बार दिवाली पर 27 साल बाद ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है। इससे पूर्व वर्ष 1995 में दिवाली पर सूर्यग्रहण का प्रभाव था। इस बार आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण का स्पर्श संध्या 4:29 बजे और मोक्ष संध्या 5:42 बजे होगी। यह …
मुरादाबाद,अमृत विचार। इस बार दिवाली पर 27 साल बाद ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है। इससे पूर्व वर्ष 1995 में दिवाली पर सूर्यग्रहण का प्रभाव था। इस बार आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण का स्पर्श संध्या 4:29 बजे और मोक्ष संध्या 5:42 बजे होगी। यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पूर्व 25 अक्टूबर को सुबह 4:29 बजे से लगेगा। ऐसे में सूर्य ग्रहण का प्रभाव होने के कारण दिवाली के अगले दिन होने वाली गोवर्धन पूजा, अन्नकूट और भाई दूज 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सोने-चांदी के सिक्के और बर्तन खरीदने की परंपरा है। मनोकामना मंदिर के पुजारी हरिदत्त शास्त्री ने बताया कि धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सुबह से शाम तक पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। इसके साथ ही लोग सोने-चांदी के सिक्के, लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा और आभूषण भी खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के चलते छोटी व बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को ही मनाई जाएंगी। सूर्य ग्रहण के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। शाम सात बजे मंदिर के कपाट खुलेंगे और साढ़े सात बजे आरती होगी।
उधर पंडित केदार मुरारी ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली पर ग्रहों के विशेष संयोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। दिवाली का त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। इन पांच दिनों के त्योहारों में पहले दिन धनवंतरि भगवान की पूजा होती है और बर्तन या गहने खरीदने का रिवाज है। इस महोत्सव के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी तिथि होती है जिसमें यम देव की पूजा और दीपदान किया जाता है। महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य दिवाली होती है जिस दिन माता लक्ष्मी के पूजन के साथ घर को रोशनी से भी सजाया जाता है।
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