दिवाली बाद प्रवासी पक्षियों से चहकने लगेंगे बरेली के वेटलैंड, विदेशी मेहमानों के स्वागत की तैयारियों में लगा वन विभाग
बरेली, अमृत विचार। दीपावली के बाद बरेली के वेटलैंड विदेशी मेहमानों से गुलजार हो जाएंगे। जनपद के कई वेडलैंड पर अक्टूबर व नवंबर में प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। जिसको लेकर वन विभाग द्वारा लगातार वेटलैंड की निगरानी कराई जा रही है। हालांकि अभी किसी भी वेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों की दस्तक नहीं हुई हैं। …
बरेली, अमृत विचार। दीपावली के बाद बरेली के वेटलैंड विदेशी मेहमानों से गुलजार हो जाएंगे। जनपद के कई वेडलैंड पर अक्टूबर व नवंबर में प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। जिसको लेकर वन विभाग द्वारा लगातार वेटलैंड की निगरानी कराई जा रही है। हालांकि अभी किसी भी वेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों की दस्तक नहीं हुई हैं। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो बरेली में रामगंगा के आसपास एक दर्जन से ज्यादा वेटलैंड हैं। जहां प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा करीब चार महीने तक होता है। आंवला, रामनगर, फरीदपुर, भोजीपुरा आदि क्षेत्रों में प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं।
ये भी पढ़ें- बरेली: सियार के हमले से घायल किसान की मौत, परिजनों में मचा कोहराम
रुहेलखंड क्षेत्र में हिमालय, तिब्बत, श्रीनगर, यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, साइबेरिया, चीन, लद्दाख, तिब्बत आदि जगह से खूबसूरत रंग- बिरंगे पक्षी आते हैं। इनमें 100 से अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं। जिनमें ब्लैक आइज, येलो लांग टेल, स्पाट विल्ड डक, ब्लैक डक, रेड क्रस्टेड पोचर्ड, ग्रे लेग गूस, ब्राउन काक, बार हेडेड गूस, टस्टेड डक, कामन टेल, पिन टेल, ब्राम्हमनी डक, कूट, पिकाक हेन, रेड लेग आदि प्रजातियां हैं।
बीते वर्षों में वन विभाग ने जिन वेटलैंड पर प्रवासी पक्षियों को देखा था। वहां निगरानी के लिए टीमें लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आसपास के इलाके में पक्षियों की देखरेख के लिए पक्षी मित्र भी बनाए जाएंगे। प्रभागीय वनाधिकारी समीर कुमार ने बताया कि दिवाली के बाद अक्टूबर व नवंबर में प्रवासी पक्षी आने शुरू हो जाते हैं। वेटलैंड वन विभाग के तहत नहीं आते, लेकिन विभाग द्वारा समय-समय पर वेटलैंडों की स्थिति सुधारने के लिए पौधरोपण कराया जाता है। इसके अलावा कई वेटलैंड को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा गोद भी लिया गया है।
वेटलैंड सूखने से प्रवासी पक्षियों का आना हुआ कम
प्रवासी पक्षियों का मुख्य केंद्र रामनगर की लीलौर झील को माना जाता है। यहां भारी संख्या में सारस पूरे वर्ष रहते हैं। वहीं प्रवासी पक्षी भी चार महीने के लिए यहां दिखाई देते हैं। मगर जानकारों का मानना है कि झीलों में पानी कम होने के कारण प्रवासी पक्षी दूरी बना रहे हैं। बरेली जनपद के बाहर कई वेटलैंड में अभी से प्रवासी पक्षी दिखने भी शुरू हो गए हैं। रास्ते में प्रवासी पक्षियों को आसमान से जहां पानी दिखता है वे वहीं पड़ाव डाल लेते हैं।
ये भी पढ़ें- बरेली: जांची कांटे की लंबाई, नवंबर के पहले सप्ताह शुरू हो सकती पेराई
