शोषितो और वंचितों के हक की करवट थे मुलायम: राजनाथ

बाराबंकी, अमृत विचार। मुलायम सिंह यादव के जाने के साथ ही ज़मीन से जुड़ी राजनीति के एक भरे पूरे अध्याय का पटाक्षेप हो गया। नेताजी का निष्क्रिय और लाचार पड़े रहने का नाम नहीं था। मुलायम सिंह यादव शोषित और वंचित तबके के हक़ में राजनीति की विशाल करवट का नाम थे। इस देश की …
बाराबंकी, अमृत विचार। मुलायम सिंह यादव के जाने के साथ ही ज़मीन से जुड़ी राजनीति के एक भरे पूरे अध्याय का पटाक्षेप हो गया। नेताजी का निष्क्रिय और लाचार पड़े रहने का नाम नहीं था। मुलायम सिंह यादव शोषित और वंचित तबके के हक़ में राजनीति की विशाल करवट का नाम थे। इस देश की राजनीति जब भी ऐसी कोई करवट लेगी, नेताजी बहुत याद आएंगे।
यह बात गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा समाजवादी पार्टी के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव के निधन पर गांधी भवन में आयोजित शोकसभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। इस मौके पर उनके चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
उन्होंने बताया कि लोहिया के बाद मुलायम सिंह यादव ही एक मात्र समाजवादी थे जिन्होंने हिन्दी और भारत पाक महासंघ का संसद में पुरजोर समर्थन किया और हिमायती रहे। वह लगातार संसद में चीन को भारत का दुश्मन और पाकिस्तान को दोस्त बताते रहे है। वह हिंदी आंदोलन, समाजवादी आंदोलन, आपातकाल जैसे कई सत्याग्रहों में सहयात्री रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए आपातकाल बंदियों को लोकतंत्र सेनानी का सम्मान दिया और पेंशन दी।
पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का न सिर्फ उत्तर प्रदेश के विकास में अतुल्य योगदान है बल्कि देशभर में उन्होंने अपनी सफल योजनाओं के बल पर विकास का परचम लहराया। आज वो हमारे बीच नहीं रहे पर उनके समृद्ध विचार, विरासत, व्यक्तित्व, विनम्रता और विचारधारा हमेशा हमें प्रेरित करते रहेंगी।
देवा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष हाजी वासिक रफीक वारसी ने कहा कि हमने नेताजी से समाजवाद की राह पर चलकर समाज के सभी धर्मों-वर्गों के लिए इन्साफ की लड़ाई लड़ना सीखा है। हम हमेशा उनके बताए हुए रास्ते पर चलेंगे और समाजवाद का परचम ऊँचा रखेंगे।
सपा नेता वेद प्रकाश यादव ‘बबलू‘ ने कहा कि मुलायम सिंह यादव खुद में एक विचार थे। सबके लिए एक आदर्श थे और राजनीती, चुनाव, सत्ता एवं विपक्ष से ऊपर वह एक जननेता थे। उन्होंने सदैव लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए अपने राजनीतिक जीवन का निर्वाह किया।
सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, सत्यवान वर्मा, विनय कुमार सिंह, अजीज अहमद, धनंजय शर्मा, जमाल नईम खान, राजेश यादव, तौसीफ अहमद, रामू वर्मा, नीरज दूबे, अताउर्रहमान ‘सज्जन‘, साकेत मौर्य, अनिल यादव, शमीम अहमद सहित कई लोग मौजूद रहे।
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