World Mental Health Day : ‘मानसिक बीमारी को छुपाने की बजाए खुलकर बताएं’

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मुरादाबाद,अमृत विचार। मानसिक बीमारियों से मरीज का खुद का ही जीवन प्रभावित नहीं होता, बल्कि उसके परिवार और समाज के लोग भी प्रभावित होते हैं। मानसिक बीमारी को कई बार भ्रम में रहने से बढ़ावा मिलता है और इसका विकृत रुप सामने आता है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर …

मुरादाबाद,अमृत विचार। मानसिक बीमारियों से मरीज का खुद का ही जीवन प्रभावित नहीं होता, बल्कि उसके परिवार और समाज के लोग भी प्रभावित होते हैं। मानसिक बीमारी को कई बार भ्रम में रहने से बढ़ावा मिलता है और इसका विकृत रुप सामने आता है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य या बीमारी की स्थिति से कई लोग शुरु में अनजान रहते हैं।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मरीजों और उसके परिवार व समाज के लोगों को क्या करना चाहिए, कैसे इसकी पहचान और इलाज कराएं इसके बारे में क्लीनिकल साइकालॉजिस्ट डॉ. एस धनंजय का कहना है कि मानसिक बीमारी का सही समय पर पहचान होना जरूरी है। मानसिक बीमारी को छुपाने की बजाए खुलकर बताएं। बीमारी की पहचान होने पर दवा से उसे ठीक किया जा सकता है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में हर दिन सात से आठ मानसिक बीमारी के मरीज आते हैं। महीने में इनकी संख्या 70-80 पहुंचती है। वह चाहते हैं कि यदि कोई मानसिक रोगी जनरल फिजिशियन, कॉर्डियोलॉजिस्ट या अन्य चिकित्सक के पास आता है तो उन्हें मरीज के लक्षण को देखकर उसे बिना देर किए मनोचिकित्सक के पास रेफर करना चाहिए। इससे समय रहते उसे त्वरित इलाज और सलाह मिलेगी।

उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से मनोरोगियों के लिए 10 से 16 अक्टूबर के बीच दो मेगा शिविर लगेंगे। इसमें जांच कर उनका उपचार किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों में मानसिक बीमारियों को लेकर भ्रम को दूर किया जाएगा। पहला शिविर 10 अक्टूबर को बिजनौर के नजीबाबाद में प्रेमधाम आश्रम में और दूसरा शिविर 12 अक्टूबर को स्थानीय जिला अस्पताल में लगेगा।

केंद्रों पर 15 अक्टूबर तक नियमित लगेंगे टीके
मुरादाबाद। बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए 15 अक्टूबर तक स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित टीके लगाए जाएंगे। प्रभारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. मनोज चौधरी ने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के बूस्टर डोज के टीकाकरण के लिए कोविशील्ड टीके की 7000 डोज यहां पहुंची है। हालांकि 12 से 17 साल तक के बच्चों का कोविडरोधी टीकाकरण कॉर्बोवैक्स टीके की आपूर्ति न मिलने के चलते अभी नहीं हो सकेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना टीकाकरण में आए ठहराव के बीच बच्चों के नियमित टीकाकरण पर विशेष फोकस होगा। विशेष अभियान में 15 अक्टूबर तक सभी केंद्रों पर बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए टीके हर दिन लगेंगे। टीकाकरण अभियान के दौरान छोटे बच्चों का नियमित टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित हुआ था। इस दौरान छूटे सभी बच्चों को सभी जरूरी टीके लगाने पर जोर रहेगा।

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