रामपुर: अवैध खनन के धंधेबाजों पर कसेगा शिकंजा, DM ने बनाया संयुक्त जांच दल
अमृत विचार, रामपुर। अवैध खनन के धंधेबाजों पर प्रशासन ने सख्ती के लिए तीस टीमें गठित की हैं जोकि सुबह आठ से रात आठ बजे तक निगरानी करेंगी। खनन के धंधेबाजों पर शिकंजा कसने को जिलाधिकारी ने मसवासी, स्वार, मानपुर, अजीतपुर, लालपुर तिराहा, उत्तराखंड बॉर्डर, बिलासपुर सहित पूरे जनपद में चिन्हित स्थानों पर 30 अधिकारियों …
अमृत विचार, रामपुर। अवैध खनन के धंधेबाजों पर प्रशासन ने सख्ती के लिए तीस टीमें गठित की हैं जोकि सुबह आठ से रात आठ बजे तक निगरानी करेंगी। खनन के धंधेबाजों पर शिकंजा कसने को जिलाधिकारी ने मसवासी, स्वार, मानपुर, अजीतपुर, लालपुर तिराहा, उत्तराखंड बॉर्डर, बिलासपुर सहित पूरे जनपद में चिन्हित स्थानों पर 30 अधिकारियों की टीमों को रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक प्रवर्तन करने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सख्ती के आदेश जारी करने के बाद प्रशासन ने भी सख्त रुख अपनाया है।
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जिलाधिकारी ने बताया कि संयुक्त जांच दल खनिज पदार्थों के नियम विरुद्ध परिवहन करने वाले वाहनों के विरुद्ध चालान और सीज करने की कार्रवाई करेंगे। इसके साथ-साथ भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के अंतर्गत दी गई व्यवस्था के अनुरूप बिना परिवहन प्रपत्र के उप खनिज के परिवहन करते हुए पाए जाने वाले वाहनों पर सरकारी संपत्ति की चोरी मानते हुए परिवहन करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई होगी। जांच दल की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने क्षेत्र में निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से अभियान चलाकर अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर प्रभावी अंकुश लगाएं। विशेष अभियान के दौरान टास्क फोर्स को प्रतिदिन की गई कार्यवाई निर्धारित प्रारूप के अनुसार बताएंगे।
कोसी, रामगंगा और पीलाखार नदी में होता है अवैध खनन
जिले में सबसे ज्यादा अवैध खनन कोसी नदी में फिर रामगंगा और पीलाखार नदी में किया जाता है। खनन के ठेके के बिना ही यहां खनन करके कई माफिया खड़े हो गए हैं। इन माफिया ने उत्तराखंड में होटल और आलीशान मार्केट बनाकर खड़े कर लिए हैं। स्वार के मसवासी, पट्टीकलां, घोसीपुरा, दढ़ियाल, टांडा अकबराबाद क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन के अफसरों की साठगांठ से अवैध खनन किया जा रहा है।
शाहबाद के मदारपुर से लेकर सिरौली (बरेली ) जिले की सीमा तक अवैध खनन होता है। वहीं उत्तराखंड के बार्डर पट्टीकलां घोसीपुरा से लेकर मदारपुर तक अवैध खनन कोसी नदी में होता है। पीलाखार नदी में अवैध खनन मिलक खानम, भोट और केमरी क्षेत्र में किया जाता है।
काम छोड़ चुके धंधेबाजों को माफिया घोषित किया नयों को खुली छूट
जिले में पुलिस प्रशासन ने खनन माफिया घोषित किए हैं, जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं जिनमें कई लोग काम छोड़ चुके हैं, जबकि मौजूदा वक्त में अवैध खनन में शीर्ष पर रहने वाले धंधेबाज जोकि स्टोन क्रशर के संचालक भी हैं को खुली छूट पुलिस ने दे रखी है। एक स्टोन क्रशर संचालक के खिलाफ फर्जी रायल्टी बनाकर खनन और परिवहन करने की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है।
इन स्टोन क्रशर संचालक के खिलाफ बाजपुर थाने में भी मुकदमे दर्ज हैं। रामपुर पुलिस ने बाजपुर में इनके ठिकाने पर दबिश दी थी, लेकिन इसके बाद भी किसी समझौते के तहत इनकी गिरफ्तारी की गई है न इनको खनन माफिया की सूची में निरुद्ध किया गया है। पुलिस प्रशासन इनके ऊपर क्यों मेहरबान है, यह शासनस्तर से जांच का विषय है।
सांसद की शिकायत को प्रशासन ने सतही तौर पर निपटाया
सांसद घनश्याम सिंह लोधी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से जिले में अवैध खनन और अवैध परिवहन के खिलाफ शिकायत की थी। सांसद के पत्र पर कार्रवाई के लिए जिले के अधिकारियों को पत्र भेजा गया, लेकिन अधिकारियों ने बड़े सतही तौर पर उनकी शिकायत को निपटा दिया गया। स्टोन क्रशर संचालकों के इस सरदार के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
जिले में अवैध खनन और परिवहन पर निगरानी के लिए तीस टीमें बनाई गई हैं जोकि रात आठ से सुबह आठ बजे तक निगरानी करेंगी। किसी भी हाल में अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा—रविंद्र कुमार मांदड़, जिलाधिकारी।
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